Kerala News : मलप्पुरम (केरल)। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने केरल वित्तीय निगम (केएफसी) ऋण हेराफेरी मामले में पूर्व विधायक पी वी अनवर और चार अन्य के परिसरों पर शुक्रवार को छापेमारी की। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। ईडी अनवर (58), उसके चालक सियाद और केएफसी के तीन अधिकारियों अब्दुल मनाफ, टी मिनी और मुनीर अहमद के खिलाफ धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत मामले की जांच कर रही है।
ईडी की छापेमारी
ईडी सूत्रों के अनुसार, एजेंसी ने यह जांच तब शुरू की जब केरल सतर्कता एवं भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (वीएसीबी) ने हाल ही में केएफसी मलप्पुरम कार्यालय में ऋण हेराफेरी से संबंधित भ्रष्टाचार का मामला दर्ज किया। अधिकारियों ने बताया कि 2015 में केएफसी मलप्पुरम ने अनवर के चालक सियाद को व्यावसायिक उद्देश्यों के लिए बिना किसी संपार्श्विक (कोलैटरल) का उचित मूल्यांकन किए 7.5 करोड़ रुपये का ऋण स्वीकृत कर दिया, जिसने कुछ ही महीनों में ऋण चुकाना बंद कर दिया गया।

एक अधिकारी ने बताया कि बाद में अनवर की कंपनी पीवीआर डेवलपर्स को उसी जमानत पर दो अतिरिक्त ऋण 3.05 करोड़ रुपये और 1.56 करोड़ रुपये मंजूर किए गए, जिस पर पहले 7.5 करोड़ रुपये का ऋण दिया गया था। कथित ऋण गबन के कारण केएफसी को कुल 22.30 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। ईडी ने सुबह करीब सात बजे एडवन्ना स्थित अनवर के आवास और जिले के एक मनोरंजन पार्क समेत उनके व्यावसायिक प्रतिष्ठानों पर छापेमारी शुरू की।
अधिकारी ने बताया कि सियाद और केएफसी अधिकारियों के आवासों पर भी एक साथ छापेमारी की गई। पिछले महीने ईडी ने वीएसीबी मामले में शिकायतकर्ता मुरुगेश नरेंद्रन का बयान दर्ज किया था। नीलांबुर के पूर्व विधायक अनवर ने मतभेदों के बाद वाम लोकतांत्रिक मोर्चा (एलडीएफ) से नाता तोड़ लिया था और बाद में इस साल की शुरुआत में अखिल भारतीय तृणमूल कांग्रेस के टिकट पर विधानसभा उपचुनाव लड़ा था।




