Kerala: सीमा शुल्क निवारक विभाग के अधिकारियों ने सेना और अमेरिकी दूतावास की मुहरों वाले जाली दस्तावेजों के साथ भूटान से अवैध रूप से भारत लाए गए महंगे वाहनों का पता लगाने, उनकी पहचान करने और उन्हें जब्त करने के लिए समूचे केरल में कई जगहों पर छापेमारी की.
कोच्चि स्थित सीमा शुल्क निवारक आयुक्तालय के आयुक्त टी. तिजू ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि मंगलवार को राज्य भर में फिल्म कलाकार पृथ्वीराज सुकुमारन, दुलकर सलमान और अमित चक्कलक्कल के आवासों सहित लगभग 30 स्थानों पर तलाशी ली गई और 36 महंगी कारें जब्त की गईं. इस अभियान का कूट नाम ‘ऑपरेशन नुमखोर’ है. भूटानी भाषा में ‘नुमखोर’ का अर्थ ‘वाहन’ होता है.
‘वाहनों का सोने और मादक पदार्थ तस्करी में होता है इस्तेमाल’
अभियान का विवरण देते हुए उन्होंने कहा कि अवैध रूप से भारत लाकर देश में बेचे जाने वाले इन वाहनों में से कई का इस्तेमाल सोने और मादक पदार्थ की तस्करी के लिए भी किया जाता था और इस संबंध में मामले दर्ज किए गए हैं. उन्होंने कहा, अगर वे इस तरह से कारों, सोने और नशीले पदार्थों की तस्करी कर सकते हैं, तो वे कुछ भी ला सकते हैं. इसलिए यह देश की राष्ट्रीय और आर्थिक सुरक्षा के लिए एक बड़ा खतरा है.’
जांच में आयकर, GST चोरी का भी पता चला
सीमा शुल्क निवारक आयुक्त ने यह भी कहा कि उनकी प्रारंभिक जांच में तस्करी किए गए वाहनों के संबंध में आयकर और GST (माल एवं सेवा कर) चोरी के साथ-साथ धन शोधन जैसी कई अन्य अवैध गतिविधियों का भी पता चला है. उन्होंने यह भी कहा कि इसके अलावा वे इस बात की भी जांच कर रहे हैं कि क्या ऐसी अवैध गतिविधियों से प्राप्त धन का इस्तेमाल आतंकवादी गतिविधियों के लिए किया गया था. आयुक्त ने बताया कि अभियान के तहत कोच्चि, तिरुवनंतपुरम, कोझिकोड, मलप्पुरम तथा अन्य स्थानों पर एक साथ छापे मारे गए.
महंगी गाड़ियों के कैसे तैयार होते थे जाली दस्तावेज ?
भूटान के रास्ते भारत में महंगी गाड़ियों के अवैध आयात के पीछे गिरोह की कार्यप्रणाली का ब्योरा देते हुए अधिकारी ने बताया कि ‘इन कारों को या तो पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हालत में, कंटेनरों के अंदर या पर्यटक वाहनों की आड़ में भारत लाया जाता था. वाहनों को भारत लाने के बाद उन्हें सावधानीपूर्वक जाली दस्तावेजों का उपयोग करके देश के विभिन्न हिस्सों में पंजीकृत किया जाता है. गौरतलब है कि इन वाहनों के पंजीकरण के लिए फर्जी तरीके से भारतीय सेना और अमेरिकी दूतावास सहित विदेशी दूतावासों के नाम, मुहर और उनके प्रतीक चिह्नों का इस्तेमाल किया जाता है. इन वाहनों को जाली दस्तावेजों के साथ भारत लाया गया था, जिससे यह पता नहीं चल पाया कि असली मालिक कौन था’
30 जगहों पर मारे गए छापे
अधिकारी ने बताया कि केरल परिवहन आयुक्तालय, ATS और राज्य पुलिस की मदद से लगभग 30 जगहों पर छापे मारे गए. उन्होंने बताया कि भारत-भूटान सीमा के जरिए अधिक कीमत वाली सेकेंड-हैंड कारों की भारत में तस्करी की खुफिया जानकारी के आधार पर ये छापे मारे गए. एजेंसी की शुरुआती जांच से पता चला है कि अधिकतर गाड़ियां पृथ्वीराज और दुलकर जैसे धनी व्यक्तियों के पास हैं, जिन्होंने जानबूझकर या अनजाने में ऐसी गाड़ियां खरीदी थीं. पृथ्वीराज का कोई वाहन जब्त नहीं किया गया, लेकिन दुलकर सलमान के 2 वाहनों की पहचान कर ली गई है.’
बयान किए जाएंगे दर्ज, दस्तावेजों की होगी जांच
उन्होंने कहा कि ऐसे व्यक्तियों के बयान दर्ज किए जाएंगे और उनके वाहनों के दस्तावेज़ों की जांच की जाएगी ताकि यह पता लगाया जा सके कि क्या उन्हें इन अवैध गतिविधियों की जानकारी थी या नहीं. उन्हें बयान दर्ज कराने के वास्ते हमारे सामने पेश होने के लिए समन जारी किए जाएंगे. अगर यह पता चलता है कि वाहन अवैध रूप से भारत लाए गए थे, चाहे उनके वर्तमान मालिकों को इसकी जानकारी हो या नहीं, तो उन्हें जब्त कर लिया जाएगा. अगर जानकारी सामने आती है कि वाहन के मौजूदा मालिकों को इनके अवैध होने की सूचना थी तो उनके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी.
‘अन्य राज्यों में भी हैं ऐसे वाहन’
टी तिजू ने कहा कि सिर्फ केरल में ही लगभग 150 से 200 ऐसे वाहन थे, जिनमें से 36 को दिन भर की कार्रवाई के दौरान जब्त कर लिया गया और बाकी वाहनों को भी जब्त किए जाने तक छापेमारी जारी रहेगी. ये वाहन केरल में पंजीकृत नहीं हैं और राज्य में अज्ञात व्यक्तियों के नाम पर चल रहे हैं, जिनका पता लगाना मुश्किल है. इसलिए, ऐसे वाहन हमारे लिए खतरा हैं. ऐसे वाहन अन्य राज्यों में भी हैं और इसलिए, पूरे देश में अभियान चलाने की संभावना है.’
ये भी पढ़ें: तुर्किये के राष्ट्रपति एर्दोगन ने UN में फिर अलापा कश्मीर राग, भारत-पाकिस्तान सीजफायर को लेकर कही ये बात