रुद्रप्रयाग, बारिश से क्षतिग्रस्त केदारनाथ के पैदल रास्ते में फंसे श्रद्धालुओं को निकालने के लिए जारी बचाव अभियान में शुक्रवार को भारतीय वायुसेना के चिनूक और एमआई17 हेलीकॉप्टर को भी शामिल किया गया.अधिकारियों ने यहां बताया कि सुबह एमआई17 के जरिए 10 श्रद्धालुओं को गौचर हवाईपट्टी पर पहुंचाया गया.बुधवार रात अतिवृष्टि और बादल फटने के कारण लिंचोली, भीमबली, घोड़ापड़ाव और रामबाड़ा सहित कई स्थानों पर मार्ग बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया था.
प्रशासन ने हेल्पलाइन नंबर किए जारी
अधिकारियों ने बताया कि जिला प्रशासन ने लोगों की सहायता के लिए दो हेल्पलाइन नंबर – 7579257572 और 01364-233387 तथा एक आपातकालीन नंबर 112 भी जारी किया है जिस पर फोन करके वे यात्रा मार्ग पर फंसे अपने परिजनों के बारे में जानकारी हासिल कर सकते हैं.
फंसे लोगों तक पहुंचाए गए खाने के पैकेट
भारी बारिश के कारण भूस्खलन और मंदाकिनी नदी में बाढ़ से गौरीकुंड-केदारनाथ पैदल मार्ग पर भीमबली में 20-25 मीटर का मार्ग बह गया था जिससे वहां श्रद्धालु फंस गए.हालांकि, अधिकारियों ने कहा कि सभी श्रद्धालु सुरक्षित हैं.उन्होंने बताया कि फंसे हुए लोगों तक खाने के 5000 पैकेट पहुंचाए गए हैं.
केदारनाथ धाम यात्रा की गई स्थगित
इस बीच, केदारनाथ पैदल रास्ते में कई जगह भूस्खलन होने से यात्रियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए केदारनाथ यात्रा फिलहाल स्थगित है.इस संबंध में, रुद्रप्रयाग जिला प्रशासन की ओर से गुरुवार को यात्रियों को एक परामर्श जारी कर कहा गया था कि केदारनाथ दर्शन के लिए रुद्रप्रयाग तक पहुंचे तीर्थयात्री फिलहाल जहां हैं, वहीं सुरक्षित रूके रहें और अभी अपनी केदारनाथ धाम यात्रा को स्थगित कर दें.परामर्श में कहा गया था कि इस समय सोनप्रयाग से आगे मोटरमार्ग और पैदल मार्ग की स्थिति बिल्कुल भी सही नहीं है और रास्ते सही होने व यात्रा के सुचारू होने के संबंध में सूचना बाद में दी जाएगी।
3000 से ज्यादा श्रद्धालुओं को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया
राज्य आपदा प्रतिवादन बल और राष्ट्रीय आपदा मोचन बल के कार्मिकों द्वारा चलाए जा रहे हवाई और जमीनी बचाव अभियान के तहत अब तक केदारनाथ मार्ग से 3000 से ज्यादा श्रद्धालुओं को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा चुका है.प्रधानमंत्री कार्यालय ने गुरुवार रात राज्य में बारिश के हालात का जायजा लिया था जिसके बाद यहां जारी बचाव अभियान को तेज करने के लिए केंद्र द्वारा चिनूक और एमआई-17 हेलीकॉप्टर भेजे गए.