जयपुर, प्रवर्तन निदेशालय ने राजस्थान में जल जीवन मिशन योजना को लागू करने में कथित अनियमितताओं से संबंधित धनशोधन (मनी लॉन्ड्रिंग) जांच के सिलसिले में एक और व्यक्ति को गिरफ्तार किया है.अधिकारियों ने बुधवार को यह जानकारी देते हुए बताया कि कथित बिचौलिए संजय बड़ाया से मंगलवार को यहां एजेंसी कार्यालय में पूछताछ की गई थी जिसके बाद उसे गिरफ्तार कर लिया गया.
मामले में यह चौथी गिरफ्तारी
बता दें कि इस मामले में यह चौथी गिरफ्तारी है.केंद्रीय एजेंसी इससे पहले 3 लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है जिनमें श्री गणपति ट्यूबवेल कंपनी के मालिक महेश मित्तल, श्री श्याम ट्यूबवेल कंपनी के मालिक पदमचंद जैन और एक अन्य व्यक्ति पीयूष जैन शामिल हैं.
जांच में हुआ खुलासा
एजेंसी की जांच में पाया गया कि पदमचंद जैन, महेश मित्तल, पीयूष जैन और अन्य लोग PHED से विभिन्न निविदाएं हासिल करने, बिल की स्वीकृति से लेकर ठेका मिलने के बाद किए गए काम को छिपाने के लिए सरकारी अधिकारियों को रिश्वत देने में शामिल थे.एजेंसी ने दावा किया कि संदिग्ध अपने ठेकों/अनुबंधों में उपयोग करने के लिए हरियाणा से ‘चोरी’ का सामान खरीदने में भी शामिल थे और उन्होंने पीएचईडी के अनुबंध प्राप्त करने के लिए सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम इरकॉन के ‘फर्जी’ कार्य समापन पत्र भी जमा किए थे.
मामले में अब तक 11.03 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क की जा चुकी
ईडी का धनशोधन मामला भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) द्वारा दर्ज की गई एक प्राथमिकी पर आधारित है जिसमें पदमचंद जैन, महेश मित्तल, पीयूष जैन और अन्य पर आरोप लगाए गए हैं.जांच के सिलसिले में ईडी ने PHED विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों, राजस्थान के पूर्व मंत्री महेश जोशी और पूर्व अतिरिक्त मुख्य सचिव सुबोध अग्रवाल के आवासीय और आधिकारिक परिसर की तलाशी ली थी.इस मामले में अब तक 11.03 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क की जा चुकी है.
ED ने 4 दिन रिमांड पर लिया
बता दें कि इसके बाद ED की टीम उन्हें बुधवार सुबह विशेष अदालत क्रम संख्या 3, जयपुर के न्यायाधीश के गांधीनगर स्थित आवास लेकर गई.यहां से संजय बड़ाया को 4दिन के लिए ईडी की रिमांड में भेज दिया गया.