Monday, November 3, 2025
HomePush NotificationISRO आज रचेगा इतिहास, बाहुबली रॉकेट से अंतरिक्ष में भेजा जाएगा सबसे...

ISRO आज रचेगा इतिहास, बाहुबली रॉकेट से अंतरिक्ष में भेजा जाएगा सबसे भारी उपग्रह

ISRO CMS-03 Launch: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) आज एक और ऐतिहासिक मिशन की तैयारी में है। रविवार को इसरो अपने सबसे भारी संचार उपग्रह CMS-03 को अंतरिक्ष में भेजेगा। इस मिशन के लिए उलटी गिनती शुरू हो चुकी है।

CMS-03 satellite: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के 4,000 किलोग्राम से अधिक वजनी संचार उपग्रह CMS-03 को रविवार को प्रक्षेपित किया जाएगा और इसकी उल्टी गिनती जारी है. अंतरिक्ष एजेंसी ने बताया कि 4,410 किलोग्राम वजन वाला यह उपग्रह भारत की धरती से भू-समकालिक स्थानांतरण कक्षा (GTO) में प्रक्षेपित किया जाने वाला सबसे भारी उपग्रह होगा. यह उपग्रह LVM3-एम5 रॉकेट के जरिये प्रक्षेपित किया जाएगा, जिसे इसकी भारी भारोत्तोलन क्षमता के लिए ‘बाहुबली’ नाम दिया गया है.

अंतरिक्ष एजेंसी इसरो ने शनिवार को बताया था कि प्रक्षेपण यान को पूरी तरह से तैयार करके अंतरिक्ष यान के साथ एकीकृत कर दिया गया है तथा इसे प्रक्षेपण-पूर्व कार्यों के लिए यहां दूसरे प्रक्षेपण स्थल पर ले जाया गया है.

CMS-03 उपग्रह के प्रक्षेपण के लिए तैयार अंतरिक्ष केंद्र

इसरो के अधिकारियों ने रविवार को बताया कि इसरो का सीएमएस-03 उपग्रह इस अंतरिक्ष केंद्र से प्रक्षेपित किए जाने के लिए पूरी तरह तैयार है और उल्टी गिनती ‘सुचारू रूप से जारी है.’ सोशल मीडिया के जरिये कहा, ‘‘एलवीएम3एम5 के प्रक्षेपण का दिन. भारत का भारी-भरकम यान आज शाम 5 बजकर 26 मिनट पर सीएमएस03 को प्रक्षेपित करेगा.’

बाहुबली दिया गया है नाम

इसरो के एक अधिकारी ने रविवार को कहा, ’24 घंटे की उल्टी गिनती शनिवार शाम 5 बजकर 26 मिनट पर शुरू हुई थी और यह सुचारू रूप से जारी है. 4,000 किलोग्राम तक भारी पेलोड ले जाने की क्षमता के कारण ‘बाहुबली’ नाम से जाना जाने वाला 43.5 मीटर लंबा यह यान रविवार को शाम पांच बजकर 26 मिनट पर प्रक्षेपित होगा.

इसरो का भारी वजन वहन करने वाला नया प्रक्षेपण यान

एलवीएम3 (प्रक्षेपण यान मार्क-3) इसरो का भारी वजन वहन करने वाला नया प्रक्षेपण यान है और इसका उपयोग 4,000 किलोग्राम के अंतरिक्ष यान को किफायती तरीके से जीटीओ में स्थापित करने के लिए किया जाएगा. हालांकि यह दावा किया जा रहा है कि उपग्रह का इस्तेमाल सैन्य निगरानी के लिए भी किया जाएगा, लेकिन इस मामले पर इसरो की ओर से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है.

दो ठोस मोटर ‘स्ट्रैप-ऑन’ (एस200), एक द्रव प्रणोदक कोर चरण (एल110) और एक क्रायोजेनिक चरण (सी25) वाला यह 3 चरणीय प्रक्षेपण यान इसरो को जीटीओ में 4,000 किलोग्राम तक वजन वाले भारी संचार उपग्रहों को प्रक्षेपित करने में पूर्ण आत्मनिर्भरता प्रदान करता है. एलवीएम3- को इसरो के वैज्ञानिक भू-समकालिक उपग्रह प्रक्षेपण यान (जीएसएलवी) एमके3 भी कहते हैं. इसरो ने कहा कि एलवीएम3-एम5 पांचवीं अभियानगत उड़ान है. इससे पहले, अंतरिक्ष एजेंसी ने पांच दिसंबर, 2018 को एरियन-5 वीए-246 रॉकेट के जरिये फ्रेंच गुयाना के कौरू प्रक्षेपण केंद्र से अपने सबसे भारी संचार उपग्रह जीसैट-11 को प्रक्षेपित किया था। लगभग 5,854 किलोग्राम वजनी जीसैट-11 इसरो द्वारा निर्मित सबसे भारी उपग्रह है.

मिशन का क्या है उद्देश्य ?

इसरो ने बताया कि मिशन का उद्देश्य यह है कि बहु-बैंड संचार उपग्रह सीएमएस-03 भारतीय भूभाग सहित एक विस्तृत समुद्री क्षेत्र में सेवाएं प्रदान करेगा. एलवीएम-3 रॉकेट ने इससे पहले चंद्रयान-3 का सफल प्रक्षेपण किया था, जिसके जरिये भारत 2023 में चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के पास सफलतापूर्वक उतरने वाला पहला देश बन गया. एलवीएम3 यान अपने शक्तिशाली क्रायोजेनिक चरण के साथ 4,000 किलोग्राम वजन का पेलोड जीटीओ तक तथा 8,000 किलोग्राम वजन का पेलोड पृथ्वी की निचली कक्षा तक ले जाने में सक्षम है।

ये भी पढ़ें: Kane Williamson ने टी20 इंटरनेशल क्रिकेट से लिया संन्यास, बोले-‘अलविदा कहने का यह टीम और मेरे लिए सही समय’, टेस्ट फॉर्मेट को लेकर कही ये बात

Premanshu Chaturvedi
Premanshu Chaturvedihttp://jagoindiajago.news
खबरों की दुनिया में हर लफ्ज़ को जिम्मेदारी और जुनून के साथ बुनने वाला। मेरा मानना है कि एक अच्छी खबर केवल सूचना नहीं देती, बल्कि समाज को सोचने, सवाल करने और बदलने की ताकत भी देती है। राजनीति से लेकर मानवता की कहानियों तक, हर विषय पर गहराई से शोध कर निष्पक्ष और सटीक रिपोर्टिंग करना ही मेरी पहचान है। लेखनी के जरिए सच्चाई को आवाज़ देना मेरा मिशन है।
RELATED ARTICLES
- Advertisment -
Google search engine

Most Popular