ISRO BlueBird Block-2 Mission: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने कहा कि अमेरिका के एक नए पीढ़ी के संचार उपग्रह को ले जाने वाले LVM3-M6 रॉकेट के लॉन्च के लिए 24 घंटे की उल्टी गिनती मंगलवार को यहां शुरू हो गई. एक समर्पित वाणिज्यिक मिशन के तहत इसरो बुधवार को सुबह 8.54 बजे इस अंतरिक्ष केंद्र के दूसरे प्रक्षेपण पैड से भारी सामान को ले जाने वाले अपने प्रक्षेपण यान LVM3-M6 के जरिए ‘ब्लूबर्ड ब्लॉक-2’ का प्रक्षेपण करेगा.
पृथ्वी की निम्न कक्षा में स्थापित होने वाला सबसे भारी पेलोड
बेंगलुरु स्थित अंतरिक्ष एजेंसी ने बताया कि 6,100 किलोग्राम वजनी यह संचार उपग्रह LVM3 का प्रक्षेपण इतिहास में पृथ्वी की निम्न कक्षा (LEO) में स्थापित किया जाने वाला अब तक का सबसे भारी पेलोड होगा. इससे पहले सबसे भारी पेलोड LVM3-M5 संचार उपग्रह-03 था, जिसका वजन करीब 4,400 किलोग्राम था और जिसे इसरो ने 2 नवंबर को सफलतापूर्वक प्रक्षेपित किया था।
⏳ 24 hours to go! #LVM3M6 is set to launch the BlueBird Block-2 spacecraft tomorrow from SDSC SHAR.
— ISRO (@isro) December 23, 2025
Final countdown begins. Stay tuned for live updates.
Launch on 24 Dec 2025 at 08:54 IST.
Youtube Livestreaming link:https://t.co/FMYCs31L3j
🗓️ 24 Dec 2025 | 🕗 08:24 IST… pic.twitter.com/tKoVu8rDUq
स्मार्टफोन को उच्च गति वाली सेल्युलर ब्रॉडबैंड सेवा देगा
बुधवार का यह मिशन ‘न्यूस्पेस इंडिया लिमिटेड’ (NSIL) और अमेरिका स्थित AST स्पेसमोबाइल के बीच हुए वाणिज्यिक समझौते के तहत संचालित किया जा रहा है. एनएसआईएल, इसरो की वाणिज्यिक इकाई है. यह ऐतिहासिक मिशन अगली पीढ़ी का ऐसा संचार उपग्रह स्थापित करेगा, जिसे दुनिया भर में सीधे स्मार्टफोन को उच्च गति वाली सेल्युलर ब्रॉडबैंड सेवा देने के लिए डिजाइन किया गया है. प्रक्षेपण से पहले इसरो अध्यक्ष वी. नारायणन ने 23 दिसंबर को तिरुमला स्थित श्री वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर में पूजा-अर्चना की.
लॉन्च के 15 मिनट बाद ब्लूबर्ड ब्लॉक-2 उपग्रह रॉकेट से होगा अलग
भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी के अनुसार, 43.5 मीटर ऊंचा MVM3 तीन चरणों वाला रॉकेट है, जिसमें क्रायोजेनिक इंजन लगा है. इसे इसरो के ‘लिक्विड प्रोपल्शन सिस्टम्स सेंटर’ ने विकसित किया है. प्रक्षेपण के लिए आवश्यक अत्यधिक थ्रस्ट प्रदान करने के लिए इस प्रक्षेपण यान में दो S200 ठोस रॉकेट बूस्टर लगाए गए हैं, जिन्हें विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र ने विकसित किया है. प्रक्षेपण के लगभग 15 मिनट बाद ‘ब्लूबर्ड ब्लॉक-2’ उपग्रह के रॉकेट से अलग होने की उम्मीद है.
ब्लूबर्ड ब्लॉक-2 उपग्रह लॉन्च का उद्देश्य
ब्लूबर्ड ब्लॉक-2 मिशन का उद्देश्य उपग्रह के जरिए सीधे मोबाइल कनेक्टिविटी उपलब्ध कराना है. यह नेटवर्क दुनिया में कहीं भी, कभी भी, सभी के लिए 4G और 5G वॉयस-वीडियो कॉल, संदेश, स्ट्रीमिंग और डेटा सेवाएं उपलब्ध कराएगा.
कंपनी ने 50 से ज्यादा मोबाइल ऑपरेटरों से की साझेदारी
AST स्पेसमोबाइल ने सितंबर 2024 में ब्लूबर्ड-1 से 5 तक पांच उपग्रह प्रक्षेपित किए थे, जो अमेरिका और कुछ अन्य देशों में निरंतर इंटरनेट कवरेज प्रदान कर रहे हैं. कंपनी ने अपने नेटवर्क को मजबूत करने के लिए ऐसे और उपग्रह प्रक्षेपित करने की योजना बनाई है और दुनिया भर के 50 से अधिक मोबाइल ऑपरेटरों के साथ साझेदारी की है.




