दुबई, ईरान के उत्तर-पश्चिम स्थित पहाड़ी क्षेत्र में हेलीकॉप्टर हादसे का शिकार हुए राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी, विदेश मंत्री और अन्य लोग दुर्घटनास्थल पर मृत पाए गए.देश के सरकारी मीडिया ने यह जानकारी दी.रईसी 63 वर्ष के थे.यह घटना ऐसे समय में हुई है जब रईसी और सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई के नेतृत्व में ईरान ने पिछले महीने इजराइल पर एक जबरदस्त ड्रोन और मिसाइल हमला किया था.इसके अलावा ईरान का यूरेनियम संवर्धन भी हथियार बनाने के लिए आवश्यक स्तर के करीब पहुंच गया है.इसकी वजह से देश और पश्चिमी देशों के बीच तनाव और बढ़ गया है.
हादसे के बाद मिले शव
सरकारी टीवी ने पूर्वी अजरबैजान प्रांत में हुए इस हादसे का कोई कारण अभी नहीं बताया है.उसने बताया कि इस हादसे में रईसी के साथ जिन लोगों के शव मिले हैं, उनमें ईरान के विदेश मंत्री हुसैन अमीराब्दुल्लाहियन (60) भी शामिल हैं.
हेलिकॉप्टर में रईसी के साथ सवार थे ये लोग
सरकारी समाचार एजेंसी ‘IRNA’ की खबर के अनुसार, रईसी के साथ ईरान के विदेश मंत्री अमीराब्दुल्लाहियन, ईरान के पूर्वी अजरबैजान प्रांत के गवर्नर एवं अन्य अधिकारी और अंगरक्षक भी यात्रा कर रहे थे.
तुर्किये के प्राधिकारियों ने सोमवार की सुबह ड्रोन से ली एक फुटेज जारी की जिसमें जंगल में आग लगी दिखाई दी.उन्होंने इसके ‘‘हेलीकॉप्टर का मलबा होने का संदेह’’ जताया.उन्होंने एक दुर्गम पहाड़ी पर अजरबैजान-ईरान सीमा से करीब 20 किलोमीटर दक्षिण में यह आग लगी होने की जानकारी दी.
IRNA द्वारा सोमवार को सुबह जारी फुटेज में दुर्घटनास्थल को एक हरित पर्वतीय क्षेत्र में एक दुर्गम घाटी बताया गया.स्थानीय अजेरी भाषा में सैनिकों को यह बोलते सुना गया, ‘‘यह वही है, हमने इसे ढूंढ लिया है.इससे पहले रविवार रात को खामेनेई ने लोगों से दुआएं करने का आग्रह किया था.खामेनेई ने कहा था, “हमें उम्मीद है कि अल्लाह के करम से राष्ट्रपति और उनके सहयोगी पूरी तरह स्वस्थ स्थिति में देश लौटेंगे.”
ईरान की सरकार का कामकाज जारी रहेगा
बहरहाल, उन्होंने यह भी कहा कि चाहे कोई भी स्थिति हो, ईरान की सरकार का कामकाज जारी रहेगा.ईरान के संविधान के तहत, यदि राष्ट्रपति का निधन हो जाता है तो ईरान का प्रथम उपराष्ट्रपति पदभार संभालता है और 50 दिन के भीतर नया राष्ट्रपति चुनाव कराया जाएगा.
सरकारी मीडिया के अनुसार, प्रथम उपराष्ट्रपति मोहम्मद मुखबीर को रईसी की अनुपस्थिति में अधिकारियों और विदेशी सरकारों के फोन भी आने लगे हैं.पूर्व में देश की न्यायपालिका का नेतृत्व कर चुके कट्टरपंथी रईसी (63) को खामेनेई के शिष्य के रूप में देखा जाता था और कुछ विश्लेषकों का कहना था कि खामेनेई के निधन या इस्तीफे के बाद वह 85 वर्षीय नेता की जगह ले सकते थे.
रईसी ने 2021 में राष्ट्रपति पद का चुनाव जीता था.उस दौरान ईरान के इतिहास में अब तक का सबसे कम मतदान हुआ था.अमेरिका ने ईरान-इराक युद्ध के अंत में 1988 में हजारों राजनीतिक कैदियों की सामूहिक फांसी में शामिल होने के कारण रईसी पर प्रतिबंध लगा दिया था.
पीएम मोदी ने जताया शोक
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी के निधन पर शोक व्यक्त किया और कहा कि भारत-ईरान के द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने में उनके योगदान को हमेशा याद किया जाएगा.उन्होंने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘ईरान के राष्ट्रपति डॉ. सैयद इब्राहिम रईसी के दुखद निधन से गहरा दुख और सदमा लगा है.भारत-ईरान के द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने में उनके योगदान को हमेशा याद किया जाएगा. उनके परिवार और ईरान के लोगों के प्रति मेरी हार्दिक संवेदना। दुख की इस घड़ी में भारत ईरान के साथ खड़ा है.’