Monday, June 23, 2025
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Strait of Hormuz: ‘स्ट्रेट ऑफ होर्मुज’ बंद होने का भारत पर क्या होगा असर, क्या महंगा हो जाएगा पेट्रोल-डीजल, जानें विशेषज्ञों की राय

Strait of Hormuz: ईरान और इजरायल के बीच जंग में अमेरिका की एंट्री के बाद अब खतरनाक मोड पर पहुंच चुकी है। इस बीच ईरान ने धमकी दी है कि वो Strait of Hormuz को बंद कर देगा. आइए आपको बताते हैं इसका भारत पर क्या प्रभाव पड़ेगा।

Iran Israel War: ईरान और इजरायल के बीच जंग अमेरिका की एंट्री के बाद अब खतरनाक मोड पर पहुंच चुकी है. ईरान के तीन परमाणु ठिकानों पर हमले के बाद ईरान होर्मुज जलडमरूमध्य(Strait of Hormuz) को बंद करने की योजना बना रहा है.

क्या है होर्मुज स्ट्रेट ?

होर्मुज स्ट्रेट फारस की खाड़ी को अरब सागर और हिंद महासागर से जोड़ता है. इसी मार्ग से दुनिया के पांचवें हिस्से के तेल और गैस की आपूर्ति होती है. ऐसे में होर्मुज जलडमरूमध्य बंद हुआ तो इसका भारत की ऊर्जा सुरक्षा सहित वैश्विक और क्षेत्रीय स्तर पर काफी प्रभाव होगा. भारत भी इसे रास्ते से प्रतिदिन करीब 20 लाख बैरल कच्चा तेल आयात करता है.

भारत के कुल तेल आयात का बड़ा हिस्सा इसी मार्ग से आता है

ईरान के 3 मुख्य परमाणु केंद्रों पर अमेरिकी हमलों के बाद तेहरान ने होर्मुज स्ट्रेट को बंद करने के संकेत दिए हैं. भारत के कुल तेल आयात का बड़ा हिस्सा इसी जलडमरूमध्य से होकर आता है. भारत अपनी 90 प्रतिशत कच्चे तेल की जरूरतों को पूरा करने के लिए आयात पर निर्भर है और अपनी प्राकृतिक गैस का लगभग आधा हिस्सा विदेश से खरीदता है.

विशेषज्ञों ने बताया भारत पर इसका क्या प्रभाव पड़ेगा

जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय सुरक्षा अध्ययन के विशेष केंद्र के एसोसिएट प्रोफेसर लक्ष्मण कुमार बेहरा ने कहा कि इस रास्ते के बंद होने से ऊर्जा बाजारों में वैश्विक स्तर पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ेगा और इसका असर भारत की ऊर्जा सुरक्षा पर भी होगा. उन्होंने कहा कि महत्वपूर्ण जल मार्ग में कोई भी व्यवधान इराक से भारत के कच्चे तेल के आयात और कुछ हद तक सऊदी अरब पर बड़ा असर डालेगा.

तेल की कीमतों में आ सकता है उछाल

भारतीय नौसेना के पूर्व प्रवक्ता कैप्टन डी के शर्मा (सेवानिवृत्त), जो खाड़ी क्षेत्र में घटनाक्रमों पर करीबी नजर रखते हैं, ने भी कहा कि होर्मुज स्ट्रेट को बंद करने की ईरान की धमकी वैश्विक तेल व्यापार में महत्वपूर्ण व्यवधान पैदा कर सकती है. उन्होंने कहा कि कोई भी व्यवधान बीमा प्रीमियम को प्रभावित कर सकता है, और तेल आवाजाही का मार्ग बदलना महंगा हो सकता है. क्षेत्र में बढ़ते तनाव के कारण तेल की कीमतों में उछाल आने की उम्मीद है, कुछ विश्लेषकों का अनुमान है कि ईरान की जवाबी कार्रवाई करने पर कीमतें 80-90 डॉलर प्रति बैरल या 100 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच सकती हैं. क्षेत्र के देशों की मुद्राओं में बड़ी अस्थिरता हो सकती है और निवेशक अन्य स्थिर बाजारों की तलाश कर सकते हैं.

‘देश की ऑयल मार्केटिंग कंपनियों के पास कई सप्ताह का पर्याप्त भंडार’

होर्मुज स्ट्रेट बंद होने की आशंका के बीच केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने भारत की ऊर्जा आपूर्ति को लेकर आश्वस्त किया है. उन्होंने कहा कि भारत की ऊर्जा आपूर्ति पूरी तरह सुरक्षित है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत बीते वर्षों में तेल आपूर्ति के स्रोतों में विविधता लेकर आया है और अब बड़ी मात्रा में तेल होर्मुज स्ट्रेट के माध्यम से नहीं आता. देश की ऑयल मार्केटिंग कंपनियों के पास कई सप्ताह का पर्याप्त भंडार मौजूद है और वैकल्पिक मार्गों से ऊर्जा की आपूर्ति लगातार जारी है. सरकार नागरिकों तक ईंधन की स्थिर आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए सभी आवश्यक कदम उठा रही है.

इसे भी पढ़ें: Iran Israel War: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का दावा, ‘ईरानी परमाणु केंद्रों को पहुंची भारी क्षति’, सैटेलाइट तस्वीरों का दिया हवाला

Premanshu Chaturvedi
Premanshu Chaturvedihttp://jagoindiajago.news
समाचारों की दुनिया में सटीकता और निष्पक्षता के साथ नई कहानियों को प्रस्तुत करने वाला एक समर्पित लेखक। समाज को जागरूक और सूचित रखने के लिए प्रतिबद्ध।
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