जोधपुर। यहां सेंट्रल जेल में रेप के आरोप में आजीवन सजा काट रहे आसाराम (83) को मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने अंतरिम जमानत दे दी। आसाराम को सूरत के अपने आश्रम में महिला अनुयायी से रेप के मामले में 31 मार्च तक जमानत मिली। कोर्ट ने आसाराम को निर्देश दिया कि वह अंतरिम जमानत पर रिहा होने के बाद अपने अनुयायियों से नहीं मिल सकेगा। हालांकि उसके जेल से बाहर निकलने की संभावना नहीं है, क्योंकि वह नााबलिग से रेप का भी दोषी है। फिलहाल जोधपुर सेंट्रल जेल में आजीवन कारावास की सजा काट रहा है। आसाराम को बीते 5 महीने में तीन बार पैरोल भी मिल चुकी है। जेल से बाहर आने के लिए उसे जोधपुर रेप केस में भी जमानत लेनी होगी। आसाराम के वकील आरएस सलूजा के मुताबिक सुप्रीम कोर्ट के अंतरिम जमानत मिलने के बाद जोधपुर मामले में राजस्थान हाईकोर्ट में अंतरिम जमानत की अर्जी दाखिल की जाएगी।
आसाराम 2 मामलों में गुनहगार : जोधपुर और गांधीनगर कोर्ट के फैसलों में भी दोषी
जोधपुर कोर्ट: आसाराम को जोधपुर पुलिस ने इंदौर के आश्रम से साल 2013 में गिरफ्तार किया था। इसके बाद से आसाराम जेल में बंद था। पांच साल तक लंबी सुनवाई के बाद 25 अप्रैल 2018 को कोर्ट ने आसाराम को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी।
गांधीनगर कोर्ट: आसाराम के खिलाफ गुजरात के गांधीनगर में आश्रम की एक महिला ने रेप का मामला दर्ज करवाया था। कोर्ट ने 31 जनवरी 2023 को इस मामले में आसाराम को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी।
जेल में की थी महिला वैद्य की मांग
आसाराम को जोधपुर सेंट्रल जेल भेजे जाने से पहले मेडिकल चेकअप करवाया गया था तब वह स्वस्थ था। उसे कोई भी बीमारी नहीं थी। जेल में जाने के एक महीने बाद ही आसाराम ने पहली बार अपनी त्रिनाड़ी शूल बीमारी का जिक्र किया था। 4 सितंबर 2013 को याचिका लगाते हुए कहा था, करीब साढ़े 13 साल से मैं त्रिनाडी शूल नाम की बीमारी से ग्रसित हूं। मेरा इलाज पिछले 2 से 3 वर्ष से महिला वैद्य नीता कर रही थी। मेरे इलाज के लिए नीता को 8 दिन तक सेंट्रल जेल में आने की अनुमति दी जाए। इस पर मेडिकल बोर्ड से आसाराम का चेकअप करवाया था। डॉक्टर को ऐसी कोई बीमारी मिली ही नहीं थी।
अब तक कितनी बार मिली परौल
आसाराम 2 सितंबर 2013 से जेल में है। उसे 25 अप्रैल 2018 को जोधपुर की स्पेशल पॉक्सो कोर्ट ने नाबालिक के साथ रेप का दोषी ठहराया था और अंतिम सांस तक उम्र कैद की सजा सुनाई थी। पहली बार 13 अगस्त 2024 को आसाराम को 7 दिन की पैरोल मिली थी, ताकि वह पुणे के माधव बाग में स्थित आयुर्वेदिक अस्पताल में अपना इलाज करवा सके। इसके बाद 7 नवंबर 2024 को दूसरी पैरोल मिली, जो 30 दिन की थी। इसमें आसाराम को जोधपुर में ही स्थित एक प्राइवेट आयुर्वेद हॉस्पिटल में इलाज की अनुमति दी गई थी। यह पैरोल पूरी होने से पहले आसाराम ने फिर से एप्लीकेशन लगाई और इलाज के लिए टाइम मांगा। इस पर हाईकोर्ट ने 17 दिन की पैरोल के लिए मंजूरी दी और जोधपुर में प्राइवेट हॉस्पिटल में इलाज के लिए 5 दिन का एक्सटेंशन भी दिया। इसके बाद 17 दिन के पैरोल मंजूर की गई, जिसमें दो दिन पुणे पहुंचने के और 15 दिन इलाज के लिए दिए गए थे। आसाराम को अब तक जो भी पैरोल मिली है, वह सिर्फ इलाज के लिए है।
86 साल के आसाराम को क्या बीमारी?
86 साल के आसाराम को कई तरह की स्वास्थ्य समस्याएं हैं, जिसमें हृदय रोग सबसे अहम है। सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस एम एम सुंदरेश और राजेश बिंदल की बेंच ने इसी को आधार मानते हुए यह अंतरित जमानत मंजूर की है।
खारिज हो चुकी है सजा निलंबन की याचिका
गुजरात हाई कोर्ट ने 29 अगस्त 2024 को आसाराम की सजा निलंबित करने की याचिका खारिज कर दी थी और इस मामले में राहत देने का कोई आधार नहीं पाया। सुप्रीम कोर्ट ने आसाराम की याचिका पर गुजरात सरकार से जवाब मांगा था। गांधीनगर की एक अदालत ने जनवरी 2023 में आसाराम को 2013 के मामले में दोषी ठहराया था। यह मामला गांधीनगर के पास उनके आश्रम में रहने वाली महिला ने दर्ज करवाया था।