Wednesday, November 13, 2024
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भारतीय मूल के थर्मन शनमुगरत्नम होंगे सिंगापुर के राष्ट्रपति, चुनाव में मिले 70 फीसदी वोट

शुक्रवार को सिंगापुर में हुए राष्ट्रपति चुनाव में भारतीय मूल के अर्थशास्त्री थर्मन शनमुगरत्नम जीत हासिल की.  भारतीय मूल के शनमुगरत्नम ने साल 2011 के बाद पहली बार हुए राष्ट्रपति चुनाव में चीनी मूल के दो प्रतिद्वंद्वियों को हराया. भारतीय मूल के शनमुगरत्नम करीब 20 सालों से पीपुल्स एक्शन पार्टी (PAP) के साथ जुड़े हुए हैं.

पीएम मोदी ने दी बधाई

भारतीय मूले के थरमन शणमुगारत्नम को सिंगापुर का राष्ट्रपति चुने जाने के बाद भारत कते पीएम नरेंद्र मोदी ने बधाई देते हुए कहा कि “मैं भारत-सिंगापुर रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत बनाने के लिए आपके साथ मिलकर काम करने को उत्सुक हूं।” भारतीय मूल के सिंगापुरी अर्थशास्त्री थरमन (66) देश के नौवें राष्ट्रपति होंगे.

पॉलिसी मेकिंग के किंग है भारतीय मूल के शनमुगरत्नम

भारतीय मूल के शनमुगरत्नम ने पहले सिंगापुर के उपप्रधानमंत्री व वित्त मंत्री के रुप में भी काम का हैं. सिंगापुर की राजनीति में थर्मन शनमुगरत्नम का नाम एक अनुभवी राजनेता के रुप में जाना जाता है. पॉलिसी मेकिंग के मामले में शनमुगरत्नम का कोई जवाब नहीं हैं. शनमुगरत्नम के परिवार में कुल 6 लोग है. इनकी पत्नी का नाम युमिको इटोगी है. इनके 4 बच्चे हैं भारतीय मूल के होने के कारण इन्होनें अपने चारों बच्चों के नाम माया, आकाश, कृष्ण और अर्जुन ऱखे हैं. थर्मन शनमुगरत्नम के बच्चे अपने माता-पिता के नक्शेकदम पर चले हैं. सबसे बड़ा बच्चा माया एक सामाजिक उद्यमी और वकील है, जबकि दूसरा बच्चा आकाश एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर है. वहीं दो छोटे भाई-बहन, कृष्ण और अर्जुन क्रमांक इकोनॉमिक, पॉलिटिक्स और संगीत, आर्ट्स के स्टूडेंट हैं.

2001 में शुरु किया अपना राजनीतिक जीवन

शनमुगरत्नम ने अपना राजनीतिक जीवन 2001 में शुरु किया. उन्होंने चार बार सिंगापुर के सांसद का चुनाव जीता. वर्ष 2006, 2011, 2015 और 2020 तक लगातार वो सांसद रहे. इसके अलावा वो 2019 से 2023 तक सिंगापुर कैबिनेट में सीनियर मिनिस्टर के पद पर भी रहे. अपने कार्यकाल के दौरान 2003 से 2008 के बीच उन्होंने शिक्षा मंत्री का पद भी संभाला. वर्ष 2007 से 2015 तक वो सिंगापुर सरकार में वित्त मंत्री भी रहे हैं. वर्ष 2011-2012 में मानव हितों के लिए काम किया इस दौरान वे ह्यूमन रिसोर्स मिनिस्टर रहे. 2015 से 2023 तक उन्होने देश में सोशल पॉलिसीज़ मिनिस्टर का पद संभाला.

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