3D Air Surveillance Radar : भारतीय नौसेना की ताकत अब और भी ज्यादा बढ़ गई है, क्योंकि नौसेना को एक ताकतवर हथियार मिल चुका है, जिसकी मदद से वो दुश्मनों को धूल चटा देगा। टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स लिमिटेड (TASL) ने स्पेन की डिफेंस कंपनी इंद्रा के साथ मिलकर भारतीय नौसेना के लिए पहला 3D एयर सर्विलांस रडार (3D-ASR) लांजा-एन सफलतापूर्वक कमीशन किया है। यह रडार अब भारतीय नौसेना के एक युद्धपोत पर तैनात कर दिया गया है।
लांजा-एन रडार: दुनिया का सबसे एडवांस ट्रैकिंग सिस्टम
लांजा-एन, इंद्रा के प्रसिद्ध लांजा 3D रडार का नौसैनिक संस्करण है। यह रडार 470 किमी तक की दूरी से हवा और सतह दोनों पर मौजूद लक्ष्यों को 3D में ट्रैक कर सकता है। इसकी रेंज 254 नॉटिकल माइल्स (लगभग 470 किमी) है. यह ड्रोन, सुपरसोनिक फाइटर जेट, एंटी-रेडिएशन मिसाइल, और नौसैनिक प्लेटफॉर्म को पकड़ सकता है। बता दें कि यह खराब मौसम में भी काम करता है और दुश्मन के हमलों को रोकने में माहिर है। यह पहली बार है जब लांजा-एन रडार स्पेन के बाहर काम करेगा। इंद्रा ने इसे भारतीय महासागर की नमी और गर्मी के लिए अनुकूलित किया है। रडार को युद्धपोत के सभी सिस्टम से जोड़ा गया है. सख्त समुद्री परीक्षणों के बाद इसे स्वीकार किया गया। परीक्षणों में विभिन्न नौसैनिक और हवाई प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल किया गया।
टाटा और इंद्रा की साझेदारी
यह उपलब्धि TASL और इंद्रा के 2020 में हुए समझौते का परिणाम है। समझौते के तहत कुल 23 रडार डिलीवर किए जाएंगे। जिनमें से तीन सीधे इंद्रा से आएंगे और बाकी 20 को टाटा भारत में असेंबल करेगा। टाटा ने कर्नाटक में रडार असेंबली और टेस्टिंग की अत्याधुनिक सुविधा स्थापित की है, जिससे प्रोजेक्ट की डिलीवरी तेजी से हो सकेगी।
TASL के CEO और MD सुकर्ण सिंह ने कहा, इंद्रा के साथ यह सहयोग भारत में रडार निर्माण क्षमता को नई ऊंचाई पर ले जाएगा। हम स्थानीय सप्लाई चेन और टेक्नोलॉजी के माध्यम से रक्षा प्रणालियों का मजबूत इकोसिस्टम बना रहे हैं। इंद्रा की नेवल बिजनेस यूनिट की हेड आना बुएंडिया ने कहा, यह प्रोजेक्ट सिर्फ रडार डिलीवरी नहीं है। हमने टाटा के साथ मिलकर बेंगलुरु में रडार फैक्ट्री बनाई है, जो हमें भारत में ही उत्पादन और सेवाएं देने की क्षमता देगी।
दुश्मनों के ड्रोन, जेट और मिसाइलों को तबाह करेगा रडार
यह रडार भारतीय नौसेना के फ्रिगेट, डिस्ट्रॉयर और एयरक्राफ्ट कैरियर पर लगाया जाएगा। पहले कमीशंड रडार एक युद्धपोत पर लगाया गया है। बाकी जल्द ही आएंगे। यह नौसेना की निगरानी क्षमता को मजबूत करेगा। खासकर दुश्मन के ड्रोन, जेट और मिसाइलों को तबाह करेगा।