हांगझोउ। भारतीय पुरुष बैडमिंटन टीम ने शुक्रवार को यहां एशियाई खेलों के क्वार्टरफाइनल में नेपाल को 3-0 से हराकर 37 साल बाद ऐतिहासिक पदक पक्का किया।
लक्ष्य सेन सबसे पहले कोर्ट पर उतरे, उन्होंने प्रिंस दहल को 21-5 21-8 से पराजित किया जिसके बाद दूसरे मैच में किदाम्बी श्रीकांत ने सुनील जोशी को 21-4 21-13 से हराया।
तीसरे मैच में मिथुन मंजूनाथ ने बिष्णु काटुवाल पर 21-2 21-17 की जीत से मुकाबला जीत लिया।
भारतीय पुरुष टीम ने कम से कम कांस्य पदक पक्का कर दिया है और अब सेमीफाइनल में टीम का सामना इंडोनेशिया और कोरिया के बीच होने वाले मुकाबले के विजेता से होगा। लेकिन भारतीय महिला टीम को निराशा हाथ लगी। पी वी सिंधू की अगुवाई वाली टीम क्वार्टर फाइनल में थाईलैंड से 0 . 3 से हारकर बाहर हो गई।
थाईलैंड की चुनौती भारत के लिये कठिन ही थी चूंकि थाई टीम में पूर्व विश्व चैम्पियन रेचानोक इंतानोन, दुनिया की 12वें नंबर की खिलाड़ी पोर्नपावी चोचुवोंग और दुनिया की 17वें नंबर की खिलाड़ी सुपानिदा केटथोंग शामिल हैं।
2 बार की ओलंपिक पदक विजेता सिंधू को चोचुवोंग के हाथों पहले एकल मैच में 21 . 14, 15 . 21, 14 . 21 से पराजय झेलनी पड़ी। इसके बाद दुनिया की 17वें नंबर की जोड़ी त्रिसा जॉली और गायत्री गोपीचंद को जोंगकोलफान किट्टीठाराकुल और रविंडा पी ने 21. 19, 21 . 5 से मात दी।
अष्मिमा चालिहा को बुसानन ओंगबामरूंगफान ने 21 . 9, 21 .16 से हराया। महिला टीम ने 2014 में इंचियोन में कांस्य पदक जीता था।