नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि भारत अंतरिक्ष क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनने की दिशा में काम कर रहा है और अपने स्वदेशी मानव अंतरिक्ष मिशन गगनयान की तैयारी कर रहा है। मोदी ने 79वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर लाल किले की प्राचीर से देशवासियों को संबोधित करते हुए कहा कि भारत अपना खुद का अंतरिक्ष स्टेशन विकसित करने पर भी काम कर रहा है और कहा कि ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला हाल में एक अंतरिक्ष मिशन से लौटे हैं। उन्होंने कहा, ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला अंतरिक्ष स्टेशन से वापस आ गए हैं… आने वाले दिनों में वह भारत लौट आएंगे।
मोदी ने कहा कि यह गर्व की बात है कि भारत अंतरिक्ष क्षेत्र में प्रगति कर रहा है और 300 स्टार्ट-अप केवल इसी क्षेत्र में काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा, यह देश के युवाओं की ताकत है और उन पर हमारा विश्वास है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत अंतरिक्ष क्षेत्र में भी आत्मनिर्भर बनने की दिशा में काम कर रहा है और गगनयान के प्रक्षेपण की तैयारी कर रहा है। गगनयान भारत का पहला स्वदेशी मानव अंतरिक्ष उड़ान कार्यक्रम है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) इस पर काम कर रहा है और इसे 2027 में प्रक्षेपित किया जा सकता है। उनके विचारों का समर्थन करते हुए भारतीय अंतरिक्ष संघ (आईएसपीए) के महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल ए के भट्ट (सेवानिवृत्त) ने कहा कि भारत के अंतरिक्ष क्षेत्र को खोलने की प्रधानमंत्री की योजना वास्तव में एक बड़ा बदलाव लाने वाली योजना रही है।
भट्ट ने कहा, अंतरिक्ष नीति जैसे प्रगतिशील सुधारों, उदार एफडीआई प्रोत्साहन और मजबूत सरकारी समर्थन के कारण, उद्योग ने केवल पांच वर्षों में कई गुणा वृद्धि की है। भट्ट ने कहा, अंतरिक्ष स्टार्ट-अप में वृद्धि और उनकी उपलब्धियां हमारे युवाओं में नवाचार और महत्वाकांक्षा की अभूतपूर्व लहर को दर्शाती हैं। भारत के अपने अंतरिक्ष स्टेशन का पहला मॉड्यूल 2028 में और पूर्ण रूपेण भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन 2035 तक शुरू करने की योजना है। शुभांशु शुक्ला 25 जून 2025 को एक्सिओम-4 मिशन के तहत अंतरिक्ष में गए थे। वह अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) पर 18 दिन रहे और 15 जुलाई को वापस लौटे। इस दौरान उन्होंने कई प्रयोग भी किए।
भारतीय वायु सेना में ग्रुप कैप्टन और लखनऊ के मूल निवासी शुक्ला, राकेश शर्मा के 1984 के मिशन के बाद अंतरिक्ष की यात्रा करने वाले दूसरे भारतीय और आईएसएस का दौरा करने वाले पहले भारतीय हैं। शुक्ला ने ‘एक्सिओम-4’ मिशन के तहत अपनी पहली अंतरिक्ष यात्रा पूरी की। यह एक वाणिज्यिक अंतरिक्ष उड़ान थी, जिसे इसरो और नासा का समर्थन प्राप्त था तथा इसे एक्सिओम स्पेस द्वारा संचालित किया गया।