गांधीनगर। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को कहा कि पिछले दशक में वैश्विक नवोन्मेषण सूचकांक में भारत की रैंकिंग 91 से बढ़कर 38 हो गई है। देश अगले तीन साल में शीर्ष 10 में जगह बना लेगा। मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में शुरू किए गए ‘स्टार्टअप इंडिया’ अभियान के परिणाम दिखने लगे हैं और देश अब वैश्विक स्तर पर तीसरा सबसे बड़ा स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र है। इसने देश के युवाओं को नौकरी चाहने वालों से नौकरी देने वाला बना दिया है।
देश अगले तीन वर्ष में शीर्ष 10 देशों में शामिल होगा : अमित शाह
शाह ने यहां गुजरात सरकार के ‘स्टार्टअप कॉन्क्लेव’ के उद्घाटन के अवसर पर यह बात कही। उन्होंने कहा, हाल ही में वैश्विक नवाचार सूचकांक की घोषणा की गई। 2015 में इस सूचकांक में हमारी रैंकिंग 91 थी लेकिन 2025 में हम 38वें स्थान पर पहुंच गए हैं। यह हमारे लोगों की क्षमता को दर्शाता है। मेरा दृढ़ विश्वास है कि हमारे युवाओं के प्रदर्शन एवं क्षमताओं को देखते हुए देश अगले तीन वर्ष में शीर्ष 10 देशों में शामिल होगा और दुनिया में नवोन्मेषण के क्षेत्र में अग्रणी होगा। ‘स्टार्टअप इंडिया’ योजना भारत सरकार की प्रमुख पहल है, जिसे 2016 में नवाचार को बढ़ावा देने और एक मजबूत स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र बनाने के लिए शुरू किया गया था। इसका मकसद भारत को नौकरी चाहने वाले देश से नौकरियों का सृजन करने वाले देश में बदलना है।
शाह ने कहा, 2014 में हमारे पास सिर्फ 500 स्टार्टअप थे। आज हमारे पास डीपीआईआईटी (उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग) के साथ पंजीकृत 1.92 लाख स्टार्टअप हैं। 2014 में हमारे पास चार यूनिकॉर्न थे और अब हमारे पास 120 ऐसे प्रतिष्ठान हैं जिनका संयुक्त बाजार मूल्य 35 करोड़ अमेरिकी डॉलर से अधिक है। उन्होंने कहा कि आज कुल स्टार्टअप में से 52 प्रतिशत छोटे व मझोले शहरों में स्थित हैं। कुल स्टार्टअप में से 48 प्रतिशत महिलाओं ने शुरू किए हैं। स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र ने 17.90 लाख लोगों को रोजगार दिया है।
‘स्टार्टअप इंडिया’ ने बदली देश के युवाओं की किस्मत
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि औसतन सालाना 17,000 स्टार्टअप स्थापित किए जाते हैं जिनमें से 9,000 छोटे व मझोले शहरों में होते हैं। उन्होंने कहा कि ‘स्टार्टअप इंडिया’ अभियान ने देश के युवाओं को नौकरी चाहने वालों से नौकरी देने वाला बना दिया है। उन्होंने कहा, प्रधानमंत्री के नेतृत्व में 2014 से देशभर में स्टार्टअप को वित्तीय, बुनियादी ढांचा, नीतिगत और बैंकिंग सहायता उपलब्ध कराई गई है। स्टार्टअप की मदद के लिए 10,000 करोड़ रुपये का ‘फंड ऑफ फंड्स’ बनाया गया है। स्टार्टअप को बढ़ावा देने के लिए अधिकतम ऋण सीमा 10 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 20 करोड़ रुपये कर दी गई है और विभिन्न कर रियायतें भी दी गई हैं।
मंत्री ने उद्योग जगत के दिग्गजों से स्टार्टअप में निवेश करने का आग्रह करते हुए कहा कि हो सकता है कि उनमें से कोई एक दिन ‘यूनिकॉर्न’ बन जाए और आपकी संपत्ति में वृद्धि करे। शाह ने कहा कि पिछले चार वर्ष से गुजरात स्टार्टअप क्षेत्र में देश का नेतृत्व कर रहा है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल और उनके मंत्रियों व सरकारी अधिकारियों ने मिलकर गुजरात को स्टार्टअप क्रांति का केंद्र बनाया है। राज्य, देश के शीर्ष पांच राज्यों में से एक है। 16,000 स्टार्टअप गुजरात में हैं। केवल अहमदाबाद शहर 6,650 स्टार्टअप के साथ शीर्ष चार शहर में शामिल है। गुजरात लगातार चार वर्ष से स्टार्टअप क्षेत्र में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाला राज्य बना हुआ है।