नई दिल्ली । मंगलवार को कनाडा के उप सेना प्रमुख मेजर जनरल पीटर स्कॉट ने कहा कि भारत और कनाडा के बीच चल रहे राजनयिक विवाद का असर उनके द्विपक्षीय सैन्य संबंधों पर नहीं पड़ेगा. लेकिन दोनो देशों को इस मामले को राजनीतिक स्तर पर सुलझाना होगा. हिंद-प्रशांत सैन्य सम्मेलन (IPACC) में कनाडा का प्रतिनिधत्व करने आरे स्कॉट ने यह बयान दिया. इस सम्मेलन में 30 से अधिक देशों शामिल हुए है. स्कॉट ने समाचार ऐजंसी पीटीआई-भाषा से बात करते हुए कहा कि ‘जहां तक मेरी जानकारी है, इसका हम पर कोई असर नहीं पड़ने वाला है. हमने मामले में प्रयास करने और इसे सुलझाने का जिम्मा राजनीतिक स्तर पर छोड़ दिया है।’
हम दिल्ली आकर खुश है-स्कॉट
मेजर जनरल स्कॉट ने कहा कि ‘हम यहां आकर खुश हैं और हमें बिल्कुल भी नहीं लगता कि इस मुद्दे को लेकर इस मोड़ पर कोई असर पड़ेगा।’ बता दे कि जून में खालिस्तानी अलगाववादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या हुई थी. इस वारदात में भारतीय एजेंटों के शामिल होने की संभावना जताई गई थी. इस मामले में कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने भारत पर आरोप भी लगाए थे. इसके बाद से भारत और कनाडा के बीच संबंध तनावपूर्ण चल रहे है. कनाडा पीएम टूड़ो द्वारा लगाए गए आरोपों को भारत ने ‘बेतुका’ और ‘बेबुनियाद’ बताते हुए खारिज कर दिया था. पिछले दिनो इस मामले में कनाडा द्वारा एक भारतीय अधिकारी को निष्कासित किए जाने के बदले भारत ने भी कनाडा के एक वरिष्ठ राजनयिक को निष्कासित कर दिया था, तथा उसे भारत छोड़ने का आदेश दे दिया था.
दोनों देशों के बीच यह राजनीतिक मुद्दा
कनाडा की सेना के अधिकारी ने कहा, ‘दोनों देशों के बीच यह राजनीतिक मुद्दा है. निश्चित रूप से हमारे प्रधानमंत्री… ने निचले सदन हाउस ऑफ कॉमन्स में यह मुद्दा उठाया था और वर्तमान में जारी स्वतंत्र जांच पर भारत के सहयोग का अनुरोध करते हुए एक बयान दिया था।’ उन्होंने कहा, ‘‘दोनों देशों की सेनाओं पर इसका कोई असर नहीं पड़ने वाला है. मैंने कल रात भारतीय सेना के कमांडर (सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे) से बात की. हम दोनों इस बात पर सहमत हुए कि यह एक राजनीतिक मुद्दा है और इसका हमारे संबंधों पर कोई असर नहीं पड़ने वाला है।’
विचारों का आदान-प्रदान रहेगा जारी
मेजर जनरल स्कॉट ने कहा, ‘अभी जो हम देख पा रहे हैं वह यह है कि हम सहयोग करना, चर्चा करना और इस तरह के विशेष मंचों के जरिए विचारों का आदान-प्रदान करना जारी रखेंगे जिससे हम हिंद-प्रशांत के कई देशों के सामने आने वाली कठिनाइयों का समाधान ढूंढ सकते हैं।’ भारतीय सेना हिंद-प्रशांत क्षेत्र में शांति और स्थिरता सुनिश्चित करने को लेकर एक आम रणनीति विकसित करने के लिए हिंद-प्रशांत सेना प्रमुखों के दो दिवसीय सम्मेलन की मेजबानी कर रही है. सम्मेलन में अपने उद्घाटन भाषण में सेना प्रमुख जनरल पांडे ने कहा कि हिंद-प्रशांत के लिए भारत का दृष्टिकोण सभी देशों की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता के सम्मान पर जोर देता है.