India-UK FTA : मुंबई। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बृहस्पतिवार को कहा कि भारत-ब्रिटेन मुक्त व्यापार समझौता (एफटीए) देश के सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यमों (एमएसएमई) को बढ़ावा देगा और इससे रोजगार सृजन में भी मदद मिलेगी। इसके साथ ही प्रधानमंत्री मोदी ने द्विपक्षीय व्यापार को दोगुना करने का लक्ष्य वर्ष 2030 की निर्धारित समयसीमा से पहले ही हासिल कर लेने का भरोसा जताया। मोदी ब्रिटिश प्रधानमंत्री केअर स्टार्मर के साथ कंपनियों के मुख्य कार्यपालक अधिकारियों (सीईओ) के एक मंच को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि भारत और ब्रिटेन के बीच व्यापक आर्थिक एवं व्यापार समझौता (सीईटीए) ऐसे समय में स्थिरता प्रदान करेगा जब दुनिया अस्थिरता का सामना कर रही है।
भारत-ब्रिटेन द्विपक्षीय व्यापार 56 अरब डॉलर है : पीएम मोदी
मोदी ने कहा, आज भारत-ब्रिटेन द्विपक्षीय व्यापार 56 अरब डॉलर है। मुझे विश्वास है कि इसे दोगुना करने का लक्ष्य 2030 की निर्धारित समयसीमा से पहले हासिल कर लिया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि ब्रिटेन के नौ विश्वविद्यालयों के परिसर (कैंपस) भारत में खुलने जा रहे हैं। इस अवसर पर ब्रिटिश प्रधानमंत्री स्टार्मर ने भारत और ब्रिटेन के उद्योग जगत के दिग्गजों से यह जानना चाहा कि दोनों देशों की सरकारें अवसरों का लाभ उठाने से रोकने वाली बाधाओं को दूर करने के लिए क्या कर सकती हैं।
#WATCH | मुंबई: ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टारमर के साथ एक संयुक्त वक्तव्य में, प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, "इस समझौते (व्यापक आर्थिक और व्यापार समझौते) से दोनों देशों के बीच आयात लागत कम होगी, युवाओं के लिए रोज़गार के नए अवसर पैदा होंगे, व्यापार बढ़ेगा और इससे हमारे उद्योगों और… pic.twitter.com/IjKYYqjFLg
— ANI_HindiNews (@AHindinews) October 9, 2025
स्टार्मर ने कहा, हम इस व्यापार समझौते से जुड़ी संभावनाओं को अधिकतम करने में आपकी सहायता करना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि जुलाई में सीईटीए पर हस्ताक्षर होने के बाद से पिछले तीन महीनों में व्यापार और निवेश में छह अरब पाउंड की वृद्धि दर्ज की गई है। ब्रिटिश के 125 प्रमुख व्यापारिक नेताओं, उद्यमियों एवं शिक्षाविदों के एक प्रतिनिधिमंडल के साथ स्टार्मर बुधवार सुबह दो दिवसीय यात्रा पर मुंबई पहुंचे थे।
स्टार्मर की भारत यात्रा दोनों देशों द्वारा एक ऐतिहासिक एफटीए पर हस्ताक्षर होने के ढाई महीने बाद हुई है। इस समझौते से बाजार पहुंच बढ़ेगी, शुल्कों में कटौती होगी और 2030 तक द्विपक्षीय व्यापार दोगुना होने की उम्मीद है। जुलाई में प्रधानमंत्री मोदी की लंदन यात्रा के दौरान इस व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर किए गए थे।