पाकिस्तान और सऊदी अरब के बीच एक रणनीतिक रक्षा समझौते पर हस्ताक्षर के एक दिन बाद, भारत ने गुरुवार को कहा कि वह अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा के साथ-साथ क्षेत्रीय एवं वैश्विक स्थिरता पर इस समझौते के प्रभावों का अध्ययन करेगा. पाकिस्तान-सऊदी अरब के एक संयुक्त बयान के अनुसार, समझौते में कहा गया है कि ‘दोनों देशों में से किसी के भी विरुद्ध किसी भी तरह के हमले को दोनों के विरुद्ध आक्रमण माना जाएगा.’
‘रणनीतिक पारस्परिक रक्षा समझौते’ पर सऊदी अरब के शहजादे मोहम्मद बिन सलमान अब्दुलअजीज अल सऊद और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने हस्ताक्षर किए. शरीफ सऊदी अरब की यात्रा पर थे. भारत और पाकिस्तान के बीच 4 दिन तक चले सैन्य संघर्ष के 4 महीने बाद इस समझौते पर मुहर लगी है.
पाकिस्तान और सऊदी अरब के रक्षा समझौते पर भारत की प्रतिक्रिया
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने इस मामले में अपनी संतुलित प्रतिक्रिया में कहा कि भारत अपने राष्ट्रीय हितों की रक्षा और ‘सभी क्षेत्रों में व्यापक राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध है. जायसवाल ने कहा, ‘हमने सऊदी अरब और पाकिस्तान के बीच एक रणनीतिक पारस्परिक रक्षा समझौते पर हस्ताक्षर की खबरें देखी हैं. उन्होंने कहा, सरकार को इस बात की जानकारी थी कि दोनों देशों के बीच लंबे समय से चली आ रही इस व्यवस्था को औपचारिक रूप देने वाले इस घटनाक्रम पर विचार किया जा रहा है.’
सरकार भारत के राष्ट्रीय हितों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध : जायसवाल
जायसवाल ने कहा कि भारत ‘इस घटनाक्रम के हमारी राष्ट्रीय सुरक्षा के साथ-साथ क्षेत्रीय और वैश्विक स्थिरता पर पड़ने वाले प्रभावों का अध्ययन करेगा. सरकार भारत के राष्ट्रीय हितों की रक्षा और सभी क्षेत्रों में व्यापक राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध है.’