नई दिल्ली। संसद के मानसून सत्र के चौथे दिन मंगलवार को मणिपुर हिंसा को लेकर लोकसभा और राज्यसभा दोनों सदनों में जमकर कोहराम मचा। प्रधानमंत्री मोदी के बयान को लेकर विपक्ष अपनी मांग पर अड़ा है। उधर, सत्ता पक्ष ने कहा कि वे चर्चा के लिए तैयार हैं, लेकिन विपक्ष की शर्तें उसे मंजूर नहीं। आगे की रणनीति के लिए भाजपा ने संसदीय दल तो विपक्ष ने I.N.D.I.A गठबंधन की बैठक बुलाई। शाम ढलते ही खबर आई कि विपक्ष सरकार के खिलाफ बुधवार को अविश्वास प्रस्ताव लाएगा। इसकी सुगबुगाहट ही बढ़ती कि रात होते-होते लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने अविश्वास प्रस्ताव के अगले कदम पर मुहर लगा दी। उन्होंने कहा कि विपक्षी दल बुधवार को सरकार के खिलाफ लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव लाएंगे।

चार दिनों से एक ही मांग पर अड़े हैं विपक्षी दल
एक ओर संसद में भाजपा संसदीय दल की बैठक हुई। वहीं, सदन के पटल पर रणनीति पर चर्चा करने के लिए संसद में राज्यसभा के नेता प्रतिपक्ष कक्ष में समान विचारधारा वाले विपक्षी दलों के नेताओं की भी बैठक हुई। इस दौरान विपक्षी गठबंधन इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव एलायंस (I.N.D.I.A) ने सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने पर चर्चा की। समान विचारधारा वाले विपक्षी दलों के नेताओं ने बैठक में फैसला लिया है कि वे दोनों सदनों में मणिपुर पर प्रधानमंत्री के बयान की मांग जारी रखेंगे।
सरकार और विपक्ष एक दूसरे पर मढ़ रहे आरोप-प्रत्यारोप
विपक्षी दल मणिपुर मुद्दे पर लंबी चर्चा की मांग कर रहे हैं। इसके लिए कई विपक्षी सांसदों ने स्थगन नोटिस दिया था। विपक्ष इस मुद्दे पर बिना किसी समय की पाबंदी के सभी दलों को बोलने की अनुमति के साथ बहस चाहता है। इसको लेकर गुरुवार को मानसून सत्र शुरू होने के बाद से लगातार विपक्ष इस मुद्दे पर विरोध प्रदर्शन कर रहा है। वहीं, दूसरी ओर सरकार ने विपक्ष पर इस महत्वपूर्ण मुद्दे पर बहस से भागने का आरोप लगाया है और इसके प्रति उनकी गंभीरता पर सवाल उठाया है। विपक्ष ने भी सरकार पर पलटवार करते हुए बहस से भागने का आरोप लगाया है।