Wednesday, December 17, 2025
HomePush NotificationCommonwealth Games 2030 : भारत को 20 साल बाद मिली राष्ट्रमंडल खेलों...

Commonwealth Games 2030 : भारत को 20 साल बाद मिली राष्ट्रमंडल खेलों की मेजबानी, अहमदाबाद में होगा खेलों का महाकुंभ

भारत को 2030 राष्ट्रमंडल खेलों की मेजबानी मिल गई है और आयोजन अहमदाबाद में होगा। 2010 के बाद यह दूसरी बार भारत इन खेलों की मेजबानी करेगा। कॉमनवेल्थ स्पोर्ट ने तकनीकी मूल्यांकन के बाद अहमदाबाद को चुना। यह निर्णय भारत की 2036 ओलंपिक बोली के लिए भी महत्वपूर्ण माना जा रहा है।

Commonwealth Games 2030 : नई दिल्ली। भारत बीस साल बाद राष्ट्रमंडल खेलों की मेजबानी करेगा और बुधवार को ग्लास्गो में राष्ट्रमंडल खेलों की आमसभा की बैठक में अहमदाबाद को मेजबान के तौर पर औपचारिक मंजूरी मिल गई। पिछले महीने ‘कॉमनवेल्थ स्पोर्ट (राष्टमंडल खेल)’ के कार्यकारी बोर्ड द्वारा शताब्दी चरण के प्रस्तावित मेजबान के रूप में अहमदाबाद की सिफारिश के बाद 74 सदस्यों की जनरल असेंबली के लिए भारत की बोली पर मुहर लगाना महज एक औपचारिकता थी। भारत ने पिछली बार 2010 में दिल्ली में इन खेलों की मेजबानी की थी। राष्ट्रमंडल खेल बोर्ड ने मूल्यांकन समिति की देखरेख में एक प्रक्रिया पूरी करने के बाद भारत को मेजबानी देने की की सिफारिश की थी ।

कॉमनवेल्थ स्पोर्ट के अध्यक्ष डॉ डोनाल्ड रुकारे ने कहा, यह राष्ट्रमंडल खेलों के लिए एक नए सुनहरे दौर की शुरुआत है। भारत व्यापकता, युवा शक्ति, महत्वाकांक्षा, समृद्ध संस्कृति, अपार खेल-जुनून और प्रासंगिकता लेकर आता है। हम राष्ट्रमंडल खेलों के अगले सौ वर्षों की शुरुआत मजबूत स्थिति में कर रहे हैं। राष्ट्रमंडल खेल 2030 में अपने सौ साल भी पूरे कर रहे हैं लिहाजा यह सत्र विशेष रहने वाला है । भारत के लिए राष्ट्रमंडल खेलों की मेजबानी हासिल करना इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि देश 2036 में होने वाले ओलंपिक खेलों की मेजबानी हासिल करने की दौड़ में भी है और अहमदाबाद को ही मेजबान शहर के रूप में पेश किया गया है।

भारत ने इससे पहले 2010 में दिल्ली में राष्ट्रमंडल खेलों का आयोजन किया था लेकिन 2030 में इन खेलों को अहमदाबाद में आयोजित किया जाएगा जिसने पिछले एक दशक में अपने खेल ढांचे को नए स्तर तक पहुंचाया है। इसने मेजबानी के दावेदार शहरों का ‘‘तकनीकी वितरण, खिलाड़ियों के अनुभव, बुनियादी ढांचे, प्रशासन और राष्ट्रमंडल खेल मूल्यों के साथ अनुकूलता’’ के आधार पर मूल्यांकन किया था । राष्ट्रमंडल खेल 2030 की मेजबानी के लिए भारत को नाइजीरिया के शहर अबुजा से कड़ी टक्कर मिल रही थी, लेकिन कॉमनवेल्थ स्पोर्ट ने 2034 के खेलों की मेजबानी के लिए अफ्रीका के इस शहर के नाम पर विचार करने का फैसला किया।

कॉमनवेल्थ स्पोर्ट ने मंगलवार को एक बयान में कहा, यह राष्ट्रमंडल खेल आंदोलन के भविष्य के लिए एक निर्णायक क्षण होगा तथा इसके 100 साल के इतिहास में एक महत्वपूर्ण अध्याय जोड़ेगा। भारत ने 2010 के राष्ट्रमंडल खेलों की मेज़बानी पर लगभग 70,000 करोड़ रुपये खर्च किए थे, जो शुरुआती अनुमान 1600 करोड़ रुपये से कहीं अधिक था। चार साल में एक बार होने वाले इन खेलों में 72 देश हिस्सा लेते हैं जिनमें से ज़्यादातर पूर्व ब्रिटिश उपनिवेश हैं। बैठक में भारत का प्रतिनिधित्व संयुक्त सचिव (खेल) कुणाल, भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) की अध्यक्ष पी टी उषा और गुजरात के खेल मंत्री हर्ष संघवी सहित अन्य लोगों ने किया ।उषा ने कहा, ‘‘कॉमनवेल्थ स्पोर्ट ने जो भरोसा दिखाया है, उससे हम बहुत सम्मानित महसूस कर रहे हैं। 2030 खेलों से हम सिर्फ ‘कॉमनवेल्थ मूवमेंट’ के 100 साल पूरे होने का जश्न ही नहीं मनाएंगे, बल्कि अगली सदी की नींव भी रखेंगे। ’’

रुकारे ने कहा था कि कार्यकारी बोर्ड को भारत और नाइजीरिया दोनों के प्रस्ताव ‘‘प्रेरक’’ लगे, लेकिन आखिर में 2030 में होने वाले खेलों की मेजबानी के लिए अहमदाबाद को चुना गया। अहमदाबाद ने हाल के महीनों में राष्ट्रमंडल भारोत्तोलन चैंपियनशिप, एशियाई एक्वेटिक्स चैंपियनशिप और फुटबॉल के एएफसी अंडर-17 एशियाई कप 2026 क्वालीफायर की मेजबानी की। यह शहर अगले साल एशियाई भारोत्तोलन चैंपियनशिप और एशिया पैरा-तीरंदाजी कप की मेजबानी करेगा। इसके अलावा 2029 में विश्व पुलिस और अग्निशमन खेल अहमदाबाद, गांधीनगर और एकता नगर में आयोजित किए जाएंगे।

सरदार वल्लभभाई पटेल खेल परिसर उन प्रमुख स्थलों में से एक है, जिसको इन खेलों के लिए तैयार किया जा रहा है। इनमें एक लाख से अधिक दर्शकों की क्षमता वाला नरेन्द्र मोदी क्रिकेट स्टेडियम भी शामिल है। इसके अलावा इस परिसर में एक जलक्रीड़ा केंद्र और एक फुटबॉल स्टेडियम के साथ-साथ इनडोर खेलों के लिए दो मैदान भी होंगे। इस परिसर के अंदर 3,000 लोगों के रहने की क्षमता वाला खेल गांव भी बनाया जाएगा। ग्लास्गो में 2026 में होने वाले राष्ट्रमंडल खेलों का बजट बहुत कम कर दिया गया है। यह शहर पूरे आयोजन को आठ मील (लगभग 12 किमी) के दायरे में आयोजित करना चाहता है। उसने इन खेलों का बजट 114 मिलियन पाउंड (लगभग 1300 करोड़ रुपये) रखा है।

इस कारण कुश्ती, निशानेबाजी, बैडमिंटन और हॉकी जैसे कुछ प्रमुख खेलों को बाहर कर दिया गया। भारत इसका कड़ा विरोध कर रहा था क्योंकि इससे उसकी पदक जीतने की क्षमता पर गहरा असर पड़ा। भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) ने हालांकि स्पष्ट कर दिया था कि 2030 के खेलों में उन सभी खेलों को शामिल किया जाएगा जिन्हें ग्लासगो खेलों से हटा दिया गया है। आईओए के संयुक्त सचिव कल्याण चौबे ने कहा था, ‘‘योजना यह है कि निशानेबाजी, तीरंदाजी, कुश्ती आदि जैसे सभी खेलों को इसमें शामिल किया जाए। हमारे पारंपरिक खेल जैसे कबड्डी और खो-खो को भी इसमें शामिल किया जाना चाहिए।’’

Mukesh Kumar
Mukesh Kumarhttps://jagoindiajago.news/
समाचार लेखन की दुनिया में एक ऐसा नाम जो सटीकता, निष्पक्षता और रचनात्मकता का सुंदर संयोजन प्रस्तुत करता है। हर विषय को गहराई से समझकर उसे आसान और प्रभावशाली अंदाज़ में पाठकों तक पहुँचाना मेरी खासियत है। चाहे वो ब्रेकिंग न्यूज़ हो, सामाजिक मुद्दों पर विश्लेषण या मानवीय कहानियाँ – मेरा उद्देश्य हर खबर को इस तरह पेश करना है कि वह सिर्फ जानकारी न बने बल्कि सोच को भी झकझोर दे। पत्रकारिता के प्रति यह जुनून ही मेरी लेखनी की ताकत है।
RELATED ARTICLES
- Advertisment -
Google search engine

Most Popular