India Oman Free Trade Agreement: भारत और ओमान दोनों देशों के बीच आर्थिक संबंधों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से गुरुवार को मस्कट में एक मुक्त व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर करेंगे. इस समझौते पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की उपस्थिति में हस्ताक्षर किए जाएंगे, जो तीन देशों की 4 दिवसीय यात्रा पर हैं. मोदी मंगलवार को जॉर्डन से इथियोपिया पहुंचे और अदीस अबाबा से ओमान के लिए रवाना होंगे.
उद्योग मंत्री पीयूष गोयल पहुंच चुके मस्कट
अधिकारी ने बताया कि वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल मुक्त व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर करने के लिए मस्कट पहुंच चुके हैं. वाणिज्य सचिव राजेश अग्रवाल भी ओमान पहुंचेंगे. मुक्त व्यापार समझौते को आधिकारिक तौर पर व्यापक आर्थिक साझेदारी समझौता (CEPA) कहा जाता है. इस पर बातचीत औपचारिक रूप से नवंबर 2023 में शुरू हुई जो इस वर्ष संपन्न हो गई.
CEPA में क्या होता है ?
इस प्रकार के समझौते में 2 व्यापारिक साझेदार अपने बीच व्यापार की जाने वाली वस्तुओं की अधिकतम संख्या पर सीमा शुल्क को काफी हद तक कम कर देते हैं या समाप्त कर देते हैं. वे सेवाओं में व्यापार को बढ़ावा देने और निवेश आकर्षित करने के लिए नियमों में ढील भी देते हैं.
ओमान भारत के लिए तीसरा सबसे बड़ा निर्यात गंतव्य
खाड़ी सहयोग परिषद (GCC) देशों में ओमान भारत के लिए तीसरा सबसे बड़ा निर्यात गंतव्य है. भारत का पहले से ही जीसीसी के एक अन्य सदस्य देश संयुक्त अरब अमीरात (UAE) के साथ इसी तरह का समझौता है जो मई 2022 में लागू हुआ था. भारत और कतर भी जल्द ही व्यापार समझौते के लिए बातचीत शुरू करेंगे.
भारत-ओमान का द्विपक्षीय व्यापार करीब 10.5 अरब अमेरिकी डॉलर
वित्त वर्ष 2024-25 में भारत-ओमान का द्विपक्षीय व्यापार करीब 10.5 अरब अमेरिकी डॉलर (निर्यात चार अरब अमेरिकी डॉलर और आयात 6.54 अरब अमेरिकी डॉलर) था. भारत के प्रमुख आयात पेट्रोलियम उत्पाद और यूरिया हैं जिनकी कुल आयात में हिस्सेदारी 70 प्रतिशत से अधिक है. अन्य प्रमुख उत्पादों में प्रोपलीन और एथिलीन पॉलिमर, पेट कोक, जिप्सम, रसायन, लोहा और इस्पात तथा अपरिष्कृत एल्युमीनियम शामिल हैं.
ओमान को होने वाले भारतीय निर्यात का लगभग 16.5 प्रतिशत हिस्सा उन वस्तुओं का निर्यात है जिन पर पहले से ही शुल्क-मुक्त पहुंच है. इन वस्तुओं में गेहूं, बासमती चावल, फल, सब्जियां, दवाएं, मछली, चाय और कॉफी शामिल हैं. इस 16.5 प्रतिशत हिस्सेदारी के निर्यात की कीमत करीब 80 करोड़ अमेरिकी डॉलर है.




