Ladakh Riots: लेह। कांग्रेस की लद्दाख इकाई ने कहा है कि सोनम वांगचुक के खिलाफ जितना भी नकारात्मक प्रचार और झूठे आरोप लगाए जाएं, स्थानीय लोग उस पर विश्वास नहीं करेंगे और इस बात पर बल दिया कि जलवायु कार्यकर्ता लद्दाख आंदोलन का सबसे प्रमुख और मुखर चेहरा बन चुके हैं। कांग्रेस ने कहा कि अगर सरकार यह मानती है कि वांगचुक की गिरफ्तारी से क्षेत्र में शांति और सद्भाव बहाल करने में मदद मिलेगी, तो वह बड़ी भूल कर रही है। वांगचुक को शुक्रवार को राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (एनएसए) के तहत हिरासत में लिया गया था और उन्हें राजस्थान की जोधपुर जेल में रखा गया है।
दो दिन पहले लद्दाख को पूर्ण राज्य का दर्जा देने और छठी अनुसूची में शामिल करने की मांग कर रहे लोगों का प्रदर्शन हिंसक हो गया था, और केंद्र शासित प्रदेश में व्यापक हिंसा फैल गई। इन झड़पों में चार प्रदर्शनकारियों की मौत हो गई और 90 अन्य घायल हो गए। कांग्रेस की लद्दाख इकाई के अध्यक्ष नवांग रिगजिन जोरा ने एक बयान में कहा, ‘‘कांग्रेस लोकप्रिय कार्यकर्ता की अनुचित गिरफ्तारी की कड़ी निंदा करती है। उनका एक ही दोष था कि उन्होंने लद्दाख को संविधान की छठी अनुसूची में शामिल करने के भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के चुनावी वादे के लिए उसे जवाबदेह ठहराया।’’
बयान में कहा, ‘‘वह ‘लेह एपेक्स बॉडी-करगिल डेमोक्रेटिक अलायंस’ की अन्य मांगों को उठाने में भी अहम भूमिका निभा रहे थे। इन मांगों में पूर्ण राज्य का दर्जा, लेह और करगिल के लिए अलग-अलग संसदीय सीटें और सरकारी नौकरियों में भर्ती शामिल हैं। भारत सरकार के आंकड़ों के अनुसार, लद्दाख में स्नातक स्तर पर बेरोजगारी की दर दूसरी सबसे अधिक है।’’ उन्होंने कहा कि वांगचुक ने महात्मा गांधी की राह पर चलते हुए पिछले पांच वर्षों में सत्याग्रह, अनशन और पदयात्राएं की हैं। वह लद्दाख आंदोलन का सबसे प्रमुख और मुखर चेहरा बन गए हैं और इसलिए केंद्र सरकार की आंखों में खटक रहे हैं।
सोनम वांगचुक को पुलिस ने किया गिरफ्तार
जलवायु कार्यकर्ता सोनम वांगचुक को शुक्रवार को यहां एक पुलिस दल ने गिरफ्तार कर लिया। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि लद्दाख को अलग राज्य का दर्जा और संविधान की छठी अनुसूची के विस्तार की मांग को लेकर आंदोलन के समर्थकों द्वारा किये गए हिंसक विरोध प्रदर्शन के दो दिन बाद यह गिरफ्तारी हुई है। इस प्रदर्शन में चार लोगों की मौत हो गई थी और 90 अन्य घायल हो गए थे।अधिकारियों ने बताया कि लद्दाख के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) एस डी सिंह जामवाल के नेतृत्व में पुलिस दल ने अपराह्न 2.30 बजे वांगचुक को हिरासत में लिया। वांगचुक पर लगाए गये आरोपों के बारे में अभी स्पष्ट जानकारी नहीं मिल सकी है। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने हिंसा का कारण बने उकसावे के लिए वांगचुक को जिम्मेदार ठहराया है।
वांगचुक ‘लेह एपेक्स बॉडी’ (एलएबी) के वरिष्ठ सदस्य हैं। एलएबी, कारगिल डेमोक्रेटिक अलायंस (केडीए) के साथ मिलकर पिछले पांच सालों से इन मांगों के समर्थन में आंदोलन चला रहा है। हालांकि, मांगों के समर्थन में भूख हड़ताल का नेतृत्व कर रहे वांगचुक ने इन आरोपों से इनकार किया है। उन्होंने हिंसा की निंदा की और हिंसा के बाद, दो हफ्ते से चल रहा अपना अनशन भी समाप्त कर दिया था।