CJI On Stray Dogs: भारत के प्रधान न्यायाधीश बीआर गवई ने आवारा कुत्तों से संबंधित एक याचिका का सुप्रीम कोर्ट में तत्काल सुनवाई के लिए उल्लेख किए जाने पर बुधवार को आश्वासन दिया कि वह इस पर गौर करेंगे. प्रधान न्यायाधीश गवई और न्यायमूर्ति के. विनोद चंद्रन की पीठ के समक्ष एक वकील ने ‘कॉन्फ्रेंस फॉर ह्यूमन राइट्स (इंडिया)’ की याचिका का उल्लेख किया. प्रधान न्यायाधीश ने कहा कि एक अन्य पीठ आवारा कुत्तों के संबंध में एक आदेश पहले ही पारित कर चुकी है.
कोर्ट ने आवारा कुत्तों को लेकर आदेश में कही थी ये बात
न्यायमूर्ति जे बी पारदीवाला और न्यायमूर्ति आर महादेवन की पीठ ने सोमवार को कहा था कि कुत्तों के काटने की घटनाओं ने बेहद गंभीर स्थिति पैदा कर दी है और उसने दिल्ली-राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR) में सभी आवारा कुत्तों को स्थायी रूप से शीघ्र अति शीघ्र स्थानांतरित करने का आदेश दिया था
2024 में पारित आदेश का दिया हवाला
वकील ने न्यायमूर्ति जे के माहेश्वरी की अगुवाई वाली पीठ द्वारा मई 2024 में पारित उस आदेश का बुधवार को हवाला दिया, जिसमें आवारा कुत्तों के मुद्दे से संबंधित याचिकाओं को संबंधित उच्च न्यायालयों में स्थानांतरित कर दिया गया था. इसके बाद प्रधान न्यायाधीश ने आश्वासन दिया कि वह इस पर गौर करेंगे.
याचिका में 2001 के नियम का पालन नहीं होने का दिया हवाला
‘कॉन्फ्रेंस फॉर ह्यूमन राइट्स (इंडिया)’ की याचिका में दावा किया गया है कि उस पशु जन्म नियंत्रण (कुत्ते) नियम, 2001 का पालन नहीं किया जा रहा जिसमें आवारा कुत्तों की बढ़ती संख्या को नियंत्रित करने के लिए नियमित बधियाकरण और टीकाकरण कार्यक्रम अनिवार्य किए गए हैं.
कोर्ट ने कुत्तों के लिए 5 हजार आश्रय स्थल बनाने के दिए थे निर्देश
न्यायालय ने सोमवार को कहा था कि कुत्तों के लिए आश्रय स्थलों की संख्या समय के साथ बढ़ानी होगी. न्यायालय ने दिल्ली के अधिकारियों को निर्देश दिया था कि वे 6 से 8 सप्ताह के भीतर लगभग 5,000 कुत्तों के लिए आश्रय स्थल बनाएं. पीठ ने चेतावनी भी दी थी कि यदि कोई व्यक्ति या संगठन आवारा कुत्तों को उठाने के काम में बाधा डालेगा तो उसके खिलाफ अदालत अवमानना की कार्यवाही शुरू करेगी.
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