Thursday, August 7, 2025
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Chris Woakes का बड़ा बयान, चाहे जीत के लिए 100 रन ही क्यों ना होते, मैं टूटे हाथ के साथ खेलने उतरता

इंग्लैंड के ऑलराउंडर क्रिस वोक्स ने भारत के खिलाफ पांचवें टेस्ट के आखिरी दिन कंधे की चोट के बावजूद बल्लेबाजी की। उन्होंने कहा कि मैदान पर उतरना उनका कर्तव्य था, चाहे जीत के लिए 100 रन ही क्यों न चाहिए होते। वोक्स ने बताया कि उन्होंने एक हाथ से बल्लेबाजी की प्रैक्टिस की थी। उन्होंने शुभमन गिल और ऋषभ पंत के समर्थन को सराहा की।

Chris Woakes News : इंग्लैंड के ऑलराउंडर क्रिस वोक्स का कहना है कि उन्होंने भारत के खिलाफ पांचवें टेस्ट मैच के आखिरी दिन कंधे की हड्डी खिसकने के कारण बल्लेबाजी नहीं करने के बारे में कभी नहीं सोचा था। उन्होंने हालांकि कहा कि जब उन्हें यह चोट लगी थी तब उन्हें लगा था कि क्या उनका करियर खतरे में है। वोक्स पांचवें टेस्ट मैच के अंतिम दिन अंतिम बल्लेबाज के रूप में उतरे तो उनका बायां हाथ पट्टे से बंधा हुआ था और उन्होंने इसे स्वेटर के अंदर डाला हुआ था। भारत ने यह मैच छह रन से जीता।

वोक्स ने कहा कि उन्हें लगा कि ऐसा करना सभी के लिए उनका कर्तव्य है और उन्हें अब भी इस बात का दुख है कि इंग्लैंड मैच हार गया। इस तेज गेंदबाज को अभी अपने स्कैन के नतीजों को इंतजार है। वोक्स ने ‘द गार्जियन’ से कहा, मुझे नहीं पता कि यह क्या है। आप बस इतना जानते हैं कि आप किसी बड़ी चीज का हिस्सा हैं। आप सिर्फ अपने लिए ही नहीं खेल रहे हैं। उन्होंने कहा, यह आपकी टीम और आपके साथियों की मेहनत और उनके द्वारा किए गए त्याग, घर पर और मैदान पर देखने वाले लोगों की मेहनत है। आप बस सबके लिए ऐसा करना अपना कर्तव्य समझते हैं।

चाहे जीत के लिए 100 रन ही क्यों ना होते : वोक्स

वोक्स ने कहा,‘मैं अब भी बहुत निराश हूं, सचमुच बहुत निराश हूं कि हम वह परीकथा नहीं बना पाए। लेकिन मैंने कभी मैदान पर नहीं जाने के बारे में नहीं सोचा, चाहे जीत के लिए 100 रन ही क्यों ना होते। वोक्स ने कहा कि दर्शकों के खड़े होकर तालियों की गड़गड़ाहट के बीच मैदान पर उतरना अच्छा लगा लेकिन वह अपने इस साहसिक कार्य को अधिक तवज्जो नहीं देते। उन्होंने कहा, तालियां बजना अच्छा लगा और कुछ भारतीय खिलाड़ी अपना सम्मान दिखाने आए। लेकिन कोई अन्य खिलाड़ी भी ऐसा ही करता। आप नौ विकेट गिरने के बाद मैच खत्म नहीं कर सकते थे।

वोक्स ने खुलासा किया कि उन्होंने चौथे दिन से इंग्लैंड के सहायक कोच मार्कस ट्रेस्कोथिक के साथ एक हाथ से बल्लेबाजी का अभ्यास शुरू कर दिया था। उन्होंने कहा, मैंने सामान्य रूप से एक गेंद खेली और यह बहुत पीड़ादायक था। वोक्स ने कहा, ‘‘हमें जल्द ही समझ आ गया कि बाएं हाथ के बल्लेबाज की तरह खेलने से कंधे को सुरक्षा मिलेगी और कम से कम मुझे अपने ऊपरी हाथ को नियंत्रण में रखते हुए गेंद को रोकने में मदद करेगा। मैंने कुछ गेंद खेली, कुछ चूक गया लेकिन ऐसा लगा कि बचने का यही एकमात्र तरीका है। इंग्लैंड के इस सीनियर खिलाड़ी ने भारतीय कप्तान शुभमन गिल और उप कप्तान ऋषभ पंत के साथ हुई अपनी बातचीत का भी खुलासा किया जिन्होंने खुद चौथे टेस्ट में टूटे पैर के साथ बल्लेबाजी करते हुए इसी तरह का साहस दिखाया था।

शुभमन ने की थी वोक्स की तारीफ

वोक्स ने कहा, शुभमन ने कहा कि यह अविश्वसनीय बहादुरी थी। उन्होंने कहा, मैंने उनसे कहा कि आपने एक अविश्वसनीय श्रृंखला खेली, शानदार खेल दिखाया और आपकी टीम को इसका श्रेय जाता है। वोक्स ने कहा, मैंने देखा कि ऋषभ (पंत) ने इंस्टाग्राम पर सैल्यूट इमोजी के साथ मेरी एक तस्वीर डाली थी तो मैंने उन्हें धन्यवाद देते हुए जवाब दिया कि ‘प्यार के लिए शुक्रिया और उम्मीद है कि पैर ठीक होगा। उन्होंने आगे कहा, फिर उन्होंने मुझे एक वॉइस नोट भेजा जिसमें कहा था ‘उम्मीद है सब ठीक होगा, उबरने के लिए शुभकामनाएं और उम्मीद है कि हम किसी दिन फिर से मैदान पर मिलेंगे।’ मैंने टूटे हुए पैर के लिए माफी मांगी। इंग्लैंड की दूसरी पारी में एक भी गेंद का सामना नहीं करने वाले वोक्स ने कहा कि विकेटों के बीच दौड़ना सबसे मुश्किल था।

Mukesh Kumar
Mukesh Kumarhttps://jagoindiajago.news/
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