Saturday, July 6, 2024
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संजीवनी घोटाले से मेरा कोई लेना-देना नहीं- गजेंद्र सिंह शेखावत

जयपुर। सीएम गहलोत के आरोप पर केन्द्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने पलटवार करते हुए कहा कि उनकी ‘तीन पीढ़ियों’ का कथित संजीवनी क्रेडिट सहकारी सोसायटी घोटाले से कोई वास्ता नहीं है. सीएम गहलोत लगातार जोधपुर से भाजपा सांसद शोखवत पर बार-बार संजीवनी घोटाले में शामिल होने का आरोप लगाते रहे हैं. संजीवनी घोटाले में लाखों निवेशकों से करोड़ों रुपये की ठगी हुई है.

शेखावत ने उन्हें इस घोटाले से जोड़ने के आरोपों को सिरे से खारिज किया और गहलोत के खिलाफ दिल्ली की एक अदालत में मानहानि का मुकदमा भी दायर किया है. शेखावत द्वारा उनके खिलाफ दर्ज कराए गए मानहानि के मुकदमे से जुड़े एक सवाल पर मुख्यमंत्री गहलोत ने शनिवार को कहा था कि उन्होंने जो कुछ भी कहा वह कथित घोटाले पर राजस्थान पुलिस के विशेष संचालन समूह (एसओजी) की रिपोर्ट पर आधारित है.

प्रदेश भाजपा कार्यालय में रविवार को पत्रकारों से मुखातिब होते हुए शेखावत ने कहा कि यदि सीएम गहलोत यह मानते हैं कि उन्होंने मानहानि नहीं की तो कभी भी गिरफ्तार किया जा सकता है. इसका रोना रोने की आवश्यकता नहीं थी. गहलोत जी को जबरदस्ती अपने आपको विक्टिम बताने और सहानुभूति लेने की आवश्यकता नहीं थी. जैसे मैं डंके की चोट कहता हूं कि मैंने पाप नहीं किया है, मेरा संजीवनी से कोई लेना-देना नहीं है. मैं और मेरे परिवार की तीन पीढ़ियों का कोई भी सदस्य संजीवनी में न डायरेक्टर है और न ही एम्प्लोयी है, न मैनेजर, न डिपोजिटर है और न रेजर है.

केन्द्रीय मंत्री शेखावत ने सीएम गहलोत के आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि उन्होंने संजीवनी प्रकरण में जमानत ली है. केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि गहलोत साहब को कानून को समझने की जरूरत है या उनके सलाहकार उन्हें गुमराह कर रहे हैं. मैं जमानत की एप्लीकेशन लेकर अदालन गया ही नहीं, मुख्यमंत्री बिना वजह बार-बार एक ही राग अलाप रहे थे और मुझे दोषी बनाने पर तुले हुए थे. यह समझा जा सकता है कि यदि सरकार का मुखिया और गृहमंत्री की इच्छा ही पुलिस के लिए आदेश है तो ऐसे में पुलिस किसी को भी अपराधी बना सकती है. इसलिए मैंने कोर्ट में कहा है कि यह झूठी इन्वेस्टिगेशन मेरे खिलाफ दर्ज है. इसे निरस्त करें. अदालत ने इस संज्ञान लिया. मुझे इम्युनिटी प्रदान की. सरकार उल्टा काम कर सकती है. यह कोर्ट ने भी माना. शेखावत ने कहा कि जमानत तो अब गहलोत साहब को दिल्ली की अदालत में जाकर भरनी पड़ेगी. इसलिए यह पट्टियां पैरों में बांधी हैं.

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