Chris Wright On India US Relation: अमेरिका के ऊर्जा मंत्री क्रिस राइट ने बुधवार को कहा कि उनका देश अपने शानदार सहयोगी भारत के साथ ऊर्जा सहयोग का विस्तार करना चाहता है, जिसमें प्राकृतिक गैस, कोयला, परमाणु ऊर्जा और खाना पकाने के स्वच्छ ईंधन शामिल हैं.
मैं भारत का बहुत बड़ा प्रशंसक हूं : राइट
राइट ने पीटीआई के एक सवाल के जवाब में कहा, ‘जब मैं इस पद पर आया, तब से मेरा अधिकांश समय भारत के साथ काम करने में बीता है, जो दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र, अमेरिका का एक शानदार सहयोगी, एक तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था और एक गतिशील समाज है, जिसकी ऊर्जा की मांग तेजी से बढ़ रही है क्योंकि लोग अपनी समृद्धि और अवसरों को बढ़ा रहे हैं. उन्होंने कहा, ‘मैं भारत का बहुत बड़ा प्रशंसक हूं. हम भारत से प्यार करते हैं. हम भारत के साथ और अधिक ऊर्जा व्यापार और अधिक बातचीत की आशा करते हैं.’
राइट ने न्यूयॉर्क फॉरेन प्रेस सेंटर में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया. वह वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल की इस टिप्पणी पर ‘पीटीआई’ के सवाल का जवाब दे रहे थे कि भारत आने वाले वर्षों में वॉशिंगटन के साथ ऊर्जा उत्पादों पर अपने व्यापार को बढ़ाने की उम्मीद करता है और भारत के ऊर्जा सुरक्षा लक्ष्यों में अमेरिका की भागीदारी का एक बड़ा तत्व होगा.
डोनाल्ड ट्रंप का सबसे बड़ा जुनून विश्व शांति है: राइट
राइट से पूछा गया था कि रूसी तेल की भारतीय खरीद पर अमेरिका द्वारा लगाए गए अतिरिक्त 25 प्रतिशत टैरिफ की पृष्ठभूमि में, वह ऊर्जा के क्षेत्र में भारत और अमेरिका के बीच सहयोग को किस प्रकार देखते हैं. उन्होंने कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का सबसे बड़ा जुनून विश्व शांति है.’
#WATCH | Speaking to ANI on India-Russia oil trade, Secretary for the US Department of Energy, Chris Wright says, "There are lots of oil exporters in the world. India doesn't need to buy Russian oil. India buys Russian oil because it is cheaper. Nobody wants to buy Russian oil;… pic.twitter.com/QHLibST9Ql
— ANI (@ANI) September 25, 2025
हम भारत को सज़ा नहीं देना चाहते: राइट
राइट ने कहा हम भारत को सज़ा नहीं देना चाहते. हम युद्ध खत्म करना चाहते हैं, और हम भारत के साथ अपने रिश्ते आगे बढ़ाना चाहते हैं. दुनिया में बहुत सारे तेल निर्यातक हैं. भारत को रूसी तेल खरीदने की ज़रूरत नहीं है. भारत रूसी तेल इसलिए खरीदता है क्योंकि यह सस्ता है. कोई भी रूसी तेल नहीं खरीदना चाहत, उन्हें इसे छूट पर बेचना पड़ता है. हम चाहते हैं कि भारत हमारे साथ मिलकर (तेल) खरीद करे. आप दुनिया के हर देश से तेल खरीद सकते हैं, बस रूसी तेल नहीं. यही हमारा रुख है. अमेरिका के पास बेचने के लिए तेल है, और बाकी सभी के पास भी.