Monday, December 23, 2024
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Himachal Cloudburst : हिमाचल प्रदेश के 3 जिलों में बादल फटने से आई बाढ़, 45 से अधिक लोग लापता, बचाव अभियान जारी

शिमला, हिमाचल प्रदेश के 3 जिलों में बादल फटने से आई बाढ़ के बाद 45 से अधिक लापता लोगों को ढूंढने के लिए बचाव अभियान शुक्रवार को जारी है. अधिकारियों ने यह जानकारी देते हुए यह भी बताया कि राज्य में एक बिजली परियोजना स्थल पर फंसे 29 लोगों को पूरी रात चले अभियान के बाद सुरक्षित निकाल लिया गया.

5 लोगों की मौत 45 से अधिक लापता

कुल्लू जिले के निरमंड, सैंज और मलाना इलाकों में, मंडी के पधर और शिमला जिले के रामपुर में बुधवार को बादल फटने के बाद अचानक आई बाढ़ से 5 लोगों की मौत हो गई और 45 से अधिक लोग लापता हो गए.जिले के मणिकर्ण क्षेत्र में मलाना द्वितीय विद्युत परियोजना में भी 33 लोग फंस गए। कुल्लू उपायुक्त तोरुल एस. रवीश ने बताया कि 33 में से 29 लोगों को निकाल लिया गया है.

NDRF और होमगार्ड की टीमों ने 29 लोगों को बचाया

बारिश के कारण एक सुरंग की दीवार और रास्ता क्षतिग्रस्त हो गया और बैराज में पानी आ गया.लेकिन राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) और होमगार्ड की टीमें 29 लोगों को बचाने में सफल रहीं, जबकि 4 लोग अभी भी पावर हाउस में हैं.

तलाश के लिए ड्रोन की ली जा रही मदद

अधिकारियों ने बताया कि घटनास्थल पर सेना, एनडीआरएफ, भारत-तिब्बत सीमा पुलिस, राज्य आपदा मोचन बल, पुलिस और होमगार्ड बचाव अभियान चला रहे हैं.लापता लोगों की खोज के लिए ड्रोन की मदद भी ली जा रही है.वहां पीड़ितों की परिजन भी अपनों की कुशलता की आस लगाए बैठे हैं.

यहां हुआ सबसे अधिक नुकसान

सबसे अधिक नुकसान शिमला जिले के रामपुर उपमंडल के समेज क्षेत्र में हुआ हैं. यहां बुधवार रात श्रीखंड महादेव के पास बादल फटने से सरपारा, गानवी और कुर्बन नालों में अचानक बाढ़ आ गई.

पुलिस अधीक्षक ने दी ये जानकारी

शिमला के पुलिस अधीक्षक संजीव कुमार गांधी ने पीटीआई को बताया कि अचानक बाढ़ आने के कारण शिमला जिले के रामपुर में समेज खुड (नाला) में जलस्तर बढ़ गया, जिससे 2 लोगों की मौत हो गई और लगभग 30 लोग लापता हो गए.गांधी ने गुरुवार को पीटीआई से कहा था,”हमें करीब 100 किलोमीटर क्षेत्र में तलाश करनी है, जिसमें से कुछ क्षेत्र दुर्गम हैं और लापता लोगों का पता लगाने के लिए ड्रोन का इस्तेमाल किया जा रहा है.”

बाढ़ से बचकर निकले नागरिक ने बताई ये बात

अचानक आई बाढ़ से अपने परिवार के साथ बच निकले एक वरिष्ठ नागरिक नली राम ने कहा,”मैंने पानी के तेज बहाव की आवाज सुनी और अपने घर से बाहर आया तो पाया कि आसपास का इलाका बाढ़ में डूबा हुआ है. समेज खुड के उफान में आने से शिमला और कुल्लू जिलों में तबाही मची.

एक अन्य स्थानीय निवासी नील दत्त ने कहा ”मेरे ससुर एक परियोजना पर काम कर रहे थे.बीती रात से उनका कोई पता नहीं है.मैं अपने परिजन के साथ उन्हें खोजने के लिए यहां आया हूं.

मॉनसून के आगमन से अब तक वर्षाजनित घटनाओं में 73 लोगों की मौत

खबरों के अनुसार, राज्य में बादल फटने के बाद 20 से अधिक घर, 6 दुकानें,4 मुख्य पुल और दो पैदल पुल बाढ़ के पानी में बह गए.प्रभावित क्षेत्रों में सड़क संपर्क बाधित हो गया है.राज्य के आपातकालीन परिचालन केंद्र के अनुसार, 27 जून को मॉनसून के आगमन के बाद से अब तक वर्षाजनित घटनाओं में 73 लोगों की मौत हो चुकी है और राज्य को 649 करोड़ रुपये का नुकसान भी हुआ है.

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