Kunal Karma Case: बॉम्बे हाईकोर्ट ने ‘कॉमेडियन’ कुणाल कामरा की याचिका पर मुंबई पुलिस और शिवसेना विधायक मुरजी पटेल को मंगलवार को नोटिस जारी किया. कामरा ने महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के खिलाफ कथित तौर पर अपमानजनक टिप्पणी करने के लिए अपने खिलाफ दर्ज प्राथमिकी को चुनौती देते हुए अदालत में याचिका दायर की है. न्यायमूर्ति सारंग कोतवाल और न्यायमूर्ति एस एम मोदक की खंडपीठ ने कहा कि वह कामरा की याचिका पर 16 अप्रैल को सुनवाई करेगी.
कामरा के वकील ने HC में कही ये बात
कामरा के वकील नवरोज सीरवई ने बॉम्बे हाईकोर्ट की पीठ से कहा कि मद्रास हाईकोर्ट ने सोमवार को ‘कॉमेडियन’ को दी गई अंतरिम ट्रांजिट अग्रिम जमानत की अवधि 17 अप्रैल तक बढ़ा दी है. सीरवई ने कहा कि याचिकाकर्ता ने पुलिस को 3 बार लिखित में प्रस्ताव दिया कि उनके जीवन को खतरा होने के मद्देनजर उन्हें ‘वीडियो कॉन्फ्रेंस’ के जरिए पूछताछ के लिए पेश होने की अनुमति दी जाए. ऐसा लगता है कि पुलिस प्राधिकारी उनका बयान दर्ज करने के उतने इच्छुक नहीं हैं, बल्कि वे उन्हें यहां लाने के अधिक इच्छुक हैं.” याचिका में बताया गया है कि कामरा वर्तमान में तमिलनाडु में हैं जहां वह 2021 से रह रहे हैं. ”यह हत्या का मामला नहीं है. यह प्राथमिकी एक ‘स्टैंड-अप कॉमेडी शो’ से संबंधित है. वह (कामरा) जांच में सहयोग करने के लिए तैयार हैं लेकिन वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए.
कामरा मुंबई पुलिस के सामने नहीं हुए पेश
इससे पहले कामरा को 3 बार समन भेजे जाने के बावजूद वह पूछताछ के लिए मुंबई पुलिस के सामने पेश नहीं हुए. मुंबई में खार पुलिस ने शिवसेना विधायक मुरजी पटेल की शिकायत पर कामरा के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की प्रासंगिक धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज की थी. नासिक ग्रामीण, जलगांव और नासिक (नंदगांव) में ‘कॉमेडियन’ के खिलाफ दर्ज 3 प्राथमिकियां भी खार पुलिस को सौंप दी गई हैं.
कामरा ने एकनाथ शिंदे पर की थी टिप्पणी
कामरा ने एक कार्यक्रम के दौरान शिंदे का नाम लिए बिना उन पर कटाक्ष करते हुए फिल्म ‘दिल तो पागल है’ के एक हिंदी गाने का परिवर्तित संस्करण इस्तेमाल किया था जिसमें उन्होंने शिंदे को कथित तौर पर ‘‘गद्दार’’ कहा था.
कामरा ने हाईकोर्ट में दाखिल याचिका में क्या कहा ?
कामरा ने 5 अप्रैल को हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी. कामरा की याचिका में दावा किया गया है कि उनके खिलाफ दर्ज शिकायतें अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, कोई भी पेशा अपनाने एवं व्यवसाय करने के अधिकार और भारत के संविधान के तहत प्रदत्त जीवन एवं स्वतंत्रता के अधिकार समेत उनके मौलिक अधिकारों का उल्लंघन करती हैं. कामरा ने अदालत से यह भी अनुरोध कि उन्हें गिरफ्तारी, उनके निजी इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों की जब्ती और उनके वित्तीय लेनदेन एवं खातों की जांच सहित हर प्रकार की दंडात्मक कार्रवाई से संरक्षण दिया जाए.
कामरा ने अपनी याचिका में कहा कि इस मामले को जारी रखना ‘‘भाषण और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के नागरिकों के संवैधानिक अधिकार’’ पर सीधा हमला होगा. उन्होंने सवाल किया कि क्या राजनीतिक घटनाक्रम और नेताओं की गतिविधियों पर टिप्पणी करने के किसी व्यक्ति के अधिकार को इस तरह से आपराधिक बनाया जा सकता है.
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