नई दिल्ली। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हरीश रावत ने शनिवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सिर्फ कांग्रेस पर आरोप मढ़कर मणिपुर की विस्फोटक स्थिति पर अपनी जिम्मेदारी से नहीं बच सकते। उन्होंने कहा कि मणिपुर के संदर्भ में राहुल गांधी ने लोकतांत्रिक बात की जिससे सरकार बेनकाब होती है, इसलिए लोकसभा में दिए उनके भाषण के कुछ अंशों को कार्यवाही से हटा दिया गया।
उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा मणिपुर को लेकर राहुल गांधी ने जो बातें कही हैं, उससे वहां की स्थिति की गंभीरता परिलक्षित होती है। मणिपुर में जो लोग प्रभावित हैं, इन बातों से उनको यह महसूस हो रहा है कि कोई उनके दिल की बात कर रहा है। उन्होंने कहा राहुल गांधी के जो शब्द हैं वो पूरी तरह लोकतांत्रिक शब्द हैं और वो स्थिति को सुधारने में सहायक हो सकते हैं। उनकी बातों से सत्ता बेनकाब होती है, इसलिए उनकी बातों को कार्यवाही से हटा दिया गया और इसके खिलाफ अभियान भी चलाया गया।
प्रधानमंत्री मोदी द्वारा कांग्रेस पर किए गए प्रहार के बारे में पूछे जाने पर रावत ने कटाक्ष करते हुए कहा अगर सब अच्छा होता तो आप (प्रधानमंत्री मोदी) जैसे लोगों का अवतार नहीं होता। उन्होंने यह भी कहा आप 9 साल से सत्ता में हैं और आज मणिपुर में जो विस्फोटक स्थिति पैदा हुई है उसके लिए आप वर्षों पहले एक स्थिति विशेष में उठाए गए कदमों को लेकर बातें नहीं कर सकते। पहले पूर्वोत्तर में उग्रवाद एक आम बात था, स्थिति को संभालने के लिए हमने अपनी कई सरकारें तक गवां दीं। रावत ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व वाली सरकार को मणिपुर शांत और सामान्य स्थिति में मिला था। उन्होंने कहा अगर आज मणिपुर जल रहा है तो प्रधानमंत्री कांग्रेस पर आरोप मढ़कर अपनी अपनी जिम्मेदारी से नहीं बच सकते। आप स्थिति सुधारिए।
प्रधानमंत्री मोदी ने गुरुवार को लोकसभा में मणिपुर समेत उत्तर-पूर्व के राज्यों में वर्षों से व्याप्त विभिन्न समस्याओं के लिए कांग्रेस और इसके शासन वाली पूर्ववर्ती सरकारों को जिम्मेदार ठहराया था और कहा था कि पूर्वोत्तर में समस्याओं की एकमात्र जननी कांग्रेस है। उन्होंने कहा था कि वहां के लोग इसके लिए जिम्मेदार नहीं हैं, कांग्रेस की राजनीति इसके लिए जिम्मेदार है। उन्होंने आरोप लगाया था कि कांग्रेस ने उत्तर-पूर्व में वहां के लोगों के विश्वास की हत्या की है।