नई दिल्ली। शनिवार को इजरायल पर फिलिस्तीनी आर्म्स ग्रुप हमास ने हमला कर दिया.हमास ने गाजा पट्टी से एक साथ 5000 रॉकेटो का झड़ी लगा दी. हमास ने इन हमलों को सैन्य कार्रवाई बताते हुए गाजा पट्टी से करीब 20 मिनट में 5,000 रॉकेट दागे. इसके अलावा हमास ने इजरायल में घुसपैठ करते हुए इजरायल के कुछ सैन्य वाहनों पर कब्जा कर लिया. हमास द्वारा इजरायली सेना के पांच जवानों का अपहरण भी किया गया है. इस हमले अब तक 5 की मौत हुई है और 100 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं. हमास पर हमले के बाद इजरायल ने जवाबी हमला बोलते हुए गाजा पट्टी पर हवाई हमले करने शुरु कर दिए है. इजरायली सेना द्वारा हमास के खिलाफ ‘ऑपरेशन आयरन स्वॉर्ड्स’ शुरू कर दिया है.
हमास के हमले की पूरी कहानी
जिस स्थान से हमास ने हमला किया है उसको गाजा पट्टी के नाम से जाना जाता है. गाजा पट्टी फिलिस्तीन शहर का वह छोटा सा क्षेत्र है जहां ‘हमास’ का शासन रहता है. मिस्र और इसरायल के मध्य भूमध्यसागरीय तट पर स्थित गाजा पट्टी पर फिलिस्तीन अरबी और बहुसंख्य मुस्लिम का दबदबा रहता है. इस क्षेत्र का आबादी 21 लाख है जानकारी के अनुसार गाजा पट्टी का गिनती दुनिया में सबसे घनी आबादी वाले क्षेत्रों में होती है. गाजा पट्टी को 5 प्रशासनिक क्षेत्रों में बांटा गया है. इनमें उत्तरी गाजा, गाजा सिटी, देर अल-बलाह, खान यूनिस और राफाह को शामिल किया गया है. जह भी हमास को इजरायल पर हमला करना होता है तो वह गाजा पट्टी का उपयोग करता है. इजरायल की नजर में ‘हमास’ एक आतंकवादी संगठन है. इस कारण इजरायल हमेशा हमेशा आक्रामक रहता है . दोनो देशों के बीच यह लडाई 19वीं सदी में चली आ रही है 19 वीं सदी के वक्त इजराइल की पूरी भूमि फिलिस्तीन के नाम से जानी जाती थी. कुछ समय बाद यूरोप में रह रहे यहूदी, फिलिस्तीन की ओर आने लगे. धीरे-धीरे यहूदियों की संख्या फिलिस्तीनियों से अधिक होने लगी. इसके बाद यहूदियों ने फिलिस्तीन में जमीने खरीदना शुरू कर दिया. इस तरह यहूदियों का वर्चस्व फिलिस्तीन में बढ़ता चल गया. कुछ समय बाद यहूदियों ने फिलिस्तीनियों को उनके ही देश से भगाना शुरू कर दिया. इस दौरान दूसरी विश्व युद्ध हुआ. हिटलर ने दूसरे विश्व युद्द के दौरान 42 लाख यहूदियों को गैस चैंबर में डालकर मार दिया. इस कारण फिलिस्तीन यहूदी से भागने लगें. इसके बाद नए अस्तित्व में आए संयुक्त राष्ट्र में यहूदियों और फिलिस्तीनियों का मामला चला गया. संयुक्त राष्ट्र ने फैसला किया गया कि जहां यहूदियों की संख्या ज्यादा है, उसे इजराइल दे दिया जाए और बाकी बचे अरब बहुसंख्यकों को फिलिस्तीन दे दिया जाए. उसके बाद से ही दोनों देशों में विवाद जारी है. 2008-09, 2012, 2014, 2021 और 2022 में भी दोनों देशों के बीच युद्ध हुआ.