उत्तराखंड के हल्द्वानी गुरुवार को अचानक हिंसा भड़क गई । पत्थरबाजी,आगजनी की घटना में 2 लोगों की मौत और सैकड़ों लोग जख्मी हो गए,बड़ी मात्रा में मकानों-दुकानों में तोड़फोड़ हुई तो सैकड़ों वाहनों को आग के हवाले कर दिया गया। भीड़ के आक्रामक रुख के चलते पुलिसकर्मियों के लिए अपनी जान बचा पाना मुश्किल हो गया ,देर रात तक हल्द्वानी हिंसा की आग में जलता रहा
पूरे शहर में कर्फ्यू लगा दिया गया ,दरअसल पूरा विवाद तब शुरू हुआ जब नगर निगम ने बुलडोजर एक्शन शुरू किया, गलियों में एकत्र भीड़ ने पुलिस पर पथराव शुरू कर दिया,पुलिस की सिटी पेट्रोल कार और नगर निगम के एक ट्रैक्टर को आग के हवाले कर दिया,हिंसा में सैकड़ों पुलिसकर्मियों समेत 300 से ज्यादा लोग घायल हुए,नैनीताल की डीएम वंदना सिंह ने दो लोगों के मारे जाने की पुष्टि की है
हल्द्वानी में क्यों हुआ ऐसा बवाल
दरअसल हल्द्वानी के बनभूलपुरा क्षेत्र में गुरुवार को नगर निगम ने अवैध रूप से निर्मित मदरसा और मस्जिद को जेसीबी से ध्वस्त कर दिया,इस एक्शन का ऐसा रिएक्शन हुआ की पूरे क्षेत्र में हिंसा फैल गई,हालात इस कदर बिगड़ गए कि तुरंत कर्फ्यू लगा दिया गया और दंगाइयों को देखते ही गोली मारने के आदेश दे दिए गए,यहां आपको बता दे की इसको लेकर 4 फरवरी की देर रात को भी विवाद हो गया था, क्षेत्र में तनाव फैलता देख नगर निगम ने किसी आदेश का हवाला देकर दोनों स्थलों को सीज कर दिया था, इसके बाद अतिक्रमण तोड़ने की कार्रवाई को रोक दिया गया था ,लेकिन गुरुवार को निगम के कर्मचारी 4 बजे जेसीबी लेकर वनभुलपूरा थाने पहुंच गए, सील की गई संपत्ति पर अचानक क्यों कार्रवाई की गई,इस पर भी सवाल उठ रहे हैं
प्रशासन पर क्यों उठ रहे सवाल
वनभूलपुरा में चार दिन पहले तनाव के बावजूद अतिक्रमण हटाने को क्षेत्र में व्यापक इंतजाम नहीं होने की बात कही जा रही है।
प्रशासन की टीम पर सवाल उठने लगे हैं, तनाव फैलने के बाद सिटी मजिस्ट्रेट ऋचा सिंह और एसडीएम कालाढुंगी रेखा कोहली महिला पुलिसकर्मियों के साथ पहुंची थीं,आगजनी की घटना के बाद नगर आयुक्त मौके पर पहुंचे,भारी पुलिस की बंदोबस्ती के बीच सिटी मजिस्ट्रेट और एसडीएम को घटना स्थल से बाहर निकाला
क्या हल्द्वानी हिंसा को लेकर पहले से प्लानिंग की गई थी?
डीएम वंदना सिंह ने बताया कि आधे घंटे के अंदर ही बड़ी मात्रा में लोग इकट्ठा हो गए और पत्थर बरसाने शुरू कर दिए
पहला हमला नगर निगम की टीम पर हुआ. चारों तरफ से घरों की छतों से पत्थर बरसाए गए,उन्होंने कहा कि 30 जनवरी से पहले छतों पर कोई पत्थर नहीं थे.जब अदालत में कार्रवाई चल रही थी तो छतों पर पत्थर इकट्ठा किए गए, वंदना सिंह ने कहा था कि मतलब यह सब प्लानिंग थी,कि जब डिमोलिशन की कार्रवाई होगी तो हम इस तरह से फोर्सेज पर अटैक करेंगे और डिमोलेराइज करने की कोशिश करेंगे
किस तरह नगर निगम की टीम पर किया हमला?
वंदना सिंह ने बताया कि पत्थरों से हमला हुआ और जब हमारी टीम पीछे नहीं हटी तो पहली भीड़ आई पत्थरों के साथ उन्हें तितर-बितर कर दिया गया,फिर दूसरी भीड़ आई, जिनके हाथों में पेट्रोल बम थे, हाथों में फ्यूल भरी हुई प्लास्टिक की बोतल थीं, उनमें आग लगाकर फेंका ये सब अन प्रोवोक्ड था उन्हें किसी ने नहीं उकसाया था, तब तक टीम ने फोर्स इस्तेमाल करना शुरू भी नहीं किया था वो सब अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई में व्यस्त थे.
उपद्रवियों के खिलाफ एक्शन तेज
राज्य के मुख्यमंत्री पुष्कर धामी ने उपद्रवियों के खिलाफ सख्त एक्शन का आदेश दिया है,राज्य के मुख्य सचिव और डीजीपी को हल्द्वानी भेजा गया है,इसी बीच पुलिस ने हिंसा में शामिल लोगों के खिलाफ कार्रवाई तेज कर दी है, हालात को काबू करने के लिए आसपास के जिलों से फोर्स बुलाई गई है,तो सेंट्रल फोर्स की तैनाती भी की गई है ,पीएसएसी को भी मोर्चे पर लगाया गया है,डीएम ने दंगाइयों को देखते ही गोली मारने के आदेश दिए हैं,स्कूल,कॉलेज ऑफिस और बाजार सबकुछ पूरी तरह से बंद कर दिया गया है। शहर में पेट्रोल पंप तक बंद हैं। हल्द्वानी में सुरक्षा के पुख्ता प्रबंध किए गए हैं