No GST on Health and Life Insurance: अगली पीढ़ी के जीएसटी सुधार लागू होने के साथ सोमवार से जीवन बीमा और स्वास्थ्य बीमा पॉलिसी के प्रीमियम पर लगने वाला 18 प्रतिशत GST पूरी तरह से हट गया है. जीएसटी व्यवस्था जुलाई, 2017 से लागू होने के बाद से ही स्वास्थ्य और जीवन बीमा पॉलिसी के प्रीमियम पर 18 प्रतिशत की दर से कर लगाया जा रहा था। लेकिन जीएसटी परिषद की सितंबर की शुरुआत में हुई बैठक में इसे हटाने का फैसला किया गया था जो 22 सितंबर से लागू हो गया है. व्यक्तिगत जीवन बीमा या स्वास्थ्य बीमा के पॉलिसीधारक इस छूट से प्रीमियम में सीधे 18 प्रतिशत की बचत कर सकते हैं.
व्यक्तिगत बीमा पॉलिसी पर GST किया शून्य
सभी तरह की व्यक्तिगत बीमा पॉलिसी पर अब कोई जीएसटी नहीं लगेगा. इसमें फेमिली फ्लोटर एवं वरिष्ठ नागरिकों के लिए पॉलिसी के साथ पुनर्बीमा भी शामिल हैं. इसी तरह सभी व्यक्तिगत जीवन बीमा पॉलिसी-चाहे वह टर्म लाइफ, यूलिप या एंडोमेंट पॉलिसी हों, और उनके पुनर्बीमा को GST से मुक्त कर दिया गया है. GST परिषद के निर्णय के बाद जीवन और स्वास्थ्य बीमा की सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों ने भी जीएसटी छूट की घोषणा की है. इनमें दिग्गज कंपनी भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) भी शामिल है.
वित्त वर्ष 2023-24 में सरकार को मिला कुल 16,398 करोड़ का राजस्व
वित्त वर्ष 2023-24 में स्वास्थ्य और जीवन बीमा से सरकार को कुल 16,398 करोड़ रुपये का GST राजस्व मिला था. इसमें जीवन बीमा से 8,135 करोड़ और स्वास्थ्य बीमा से 8,263 करोड़ रुपये शामिल हैं. इस दौरान पुनर्बीमा के जरिये 2,045 करोड़ रुपये का अतिरिक्त संग्रह हुआ था जिसमें जीवन बीमा के पुनर्बीमा से 561 करोड़ और स्वास्थ्य बीमा के पुनर्बीमा से 1,484 करोड़ रुपये मिले थे.
GST परिषद की बैठक में GST की 2 स्लैब की तय
GST परिषद की 3 सितंबर को हुई बैठक में दो कर दरें- 5 प्रतिशत और 18 प्रतिशत ही रखने का फैसला किया गया था. हालांकि, कुछ चयनित वस्तुओं पर विशेष 40 प्रतिशत दर भी लागू होगी. इस छूट से न केवल पॉलिसीधारकों के लिए जीवन और स्वास्थ्य बीमा सस्ता होगा, बल्कि बीमा कंपनियों के लिए भी अधिक ग्राहकों को आकर्षित करने का अवसर मिलेगा.
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