Gogamedi Murder : UAPA के तहत एफआईआर, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और राज्य के डीजीपी पर गंभीर आरोप, NIA करेगी जांच

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जयपुर। राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुखदेव सिंह गोगामेड़ी की हत्या मामले में बुधवार को पुलिस ने एफआईआर दर्ज की। एफआईआर में पुलिस ने आरोपी के खिलाफ UAPA की संगीन धारा भी लगाई। पुलिस को दी गई शिकायत में गोगामेड़ी की पत्नी ने राजस्थान के डीजीपी और मुख्यमंत्रीअशोक गहलोत पर गंभीर आरोप लगाए। गोगामेड़ी की पत्नी शीला शेखावत ने जयपुर के श्यामनगर थाने में दर्ज एफआईआर में कार्रवाई की मांग की।

एफआईआर में गोगामेड़ी की पत्नी ने कहा, मेरे पति सुखदेव सिंह गोगामेड़ी को पिछले दो साल से लगातार जान का खतरा बना हुआ था। इसको लेकर मेरे पति ने 24 फरवरी, 1 मार्च और 25 मार्च को राज्य के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पुलिस महानिदेशक सहित कई उच्चाधिकारियों को सुरक्षा मुहैया कराये जाने को लेकर पत्र लिखा था।

इतना ही नहीं, शीला शेखावत ने शिकायत में यह भी कहा इतने सारे इनपुट मिल जाने के बावजूद भी जानबूझकर राज्य के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पुलिस महानिदेशक सहित जिम्मेदार अधिकारियों की ओर से मेरे पति को सुरक्षा उपलब्ध नहीं करवाई गई.”

गोगामेड़ी की पत्नी ने घटना का जिक्र करते हुए बताया कि 5 दिसंबर को दोपहर 1 बजे आपराधिक षड़यंत्र के तहत हथियारों से लैस होकर बदमाश आए और वे बातचीत के बहाने कमरे में बैठ गए. दो हमलावर, जो आपस में रोहित राठौड़ और नितिन फौजी नाम से पुकार रहे थे, उन्होंने पति को गोलियों से छलनी कर दिया. भागते समय भी बदमाशों ने फायरिंग की. उक्त घटना कैमरे में कैद हो गई। हमले में अजीत सिंह, नरेन्द्र सिंह शेखावत और अन्य भी घायल हो गए।

उन्होंने आगे कहा मेरे पति हमेशा कहते थे कि मुझे आतंकवादियों से धमकी मिल रही है. मुझे पता चला कि अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी रोहित गोदारा ने इस अपराध की जिम्मेदारी ली है, जो कहीं विदेश में छुपा हुआ है और उक्त घटना में संपत नेहरा सहित लॉरेंस का भी संबंध है. पूरे अपराध में विदेश के आतंकवादियों की एक लंबी चेन है, जिसकी जांच होनी चाहिए.”

पुलिस ने कौन-कौन सी धाराएं लगाईं?

पुलिस ने अज्ञात के खिलाफ FIR दर्ज की है. पुलिस ने नीचे दी गई धाराएं लगाई हैं:

  • IPC की धारा 323 ( जानबूझकर किसी को चोट पहुंचाना)
  • IPC की 341 (किसी व्यक्ति को गलत तरीके से रोकने पर)
  • IPC की 452 (बिना अनुमति घर में घुसना, चोट पहुंचाने के लिए हमले की तैयारी, हमला)
  • IPC की 307 ऐसे किसी इरादे या बोध के साथ विभिन्न परिस्थितियों में कोई कार्य करना, जो किसी की मृत्यु का कारण बन जाए
  • IPC की 302 (हत्या या हत्या करने की कोशिश या मारपीट करने के बाद अगर दूसरे व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है)
  • UAPA की धारा 16-आतंकी कृत्यों/गतिविधियों के लिए, धारा 18-आतंकवादी गतिविधि के लिए उकसाने पर, धारा 20-आतंकवादी संगठन का हिस्सा होने पर सजा का प्रावधान, आर्म्स एक्ट की धारा 25 (1 AA), 27 और 34, 120B, 427 सहित अन्य धाराएं लगाई गईं हैं.

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