कोटा। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कोटा में प्रस्तावित ग्रीनफील्ड हवाई अड्डे के निर्माण में देरी के लिए गुरुवार को केंद्र को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने आरोप लगाया कि लोकसभा अध्यक्ष और स्थानीय सांसद ओम बिरला राज्य की कांग्रेस सरकार को श्रेय जाने के डर से हवाई अड्डे के विकास के लिए सकारात्मक भूमिका नहीं निभा रहे हैं।
गहलोत ने गुरुवार को बूंदी जिले के शंभूपुरा गांव में प्रस्तावित कोटा ग्रीनफील्ड हवाई अड्डे निर्माण स्थल का निरीक्षण किया और अधिकारियों के साथ काम की प्रगति पर चर्चा की। गहलोत ने दावा किया कि राज्य सरकार हवाई अड्डे के निर्माण के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि अर्बन इम्प्रूवमेंट ट्रस्ट (कोटा) ने 34 हेक्टेयर जमीन भारतीय हवाई अड्डा प्राधिकरण को मुफ्त में हस्तांतरित कर दी है जबकि वन भूमि के लिए 21.13 करोड़ रुपये की पहली किस्त भी वन विभाग को जारी कर दी गई है। उन्होंने आरोप लगाया कि इन कदमों के बावजूद केंद्र ने परियोजना पर काम शुरू नहीं किया।
मुख्यमंत्री ने कोटा-बूंदी के सांसद बिरला से अपील की कि वह काम शुरू कराने के लिए प्रयास करें। गहलोत ने पत्रकारों से कहा परियोजना के लिए वन भूमि के इस्तेमाल को लेकर बाधाएं खड़ी की जा रही हैं और हो सकता है कि ओम बिरला और उन्हें (केंद्र सरकार) लगता हो कि हवाई अड्डे का श्रेय राज्य सरकार को क्यों दिया जाए। इसलिए वे काम को आगे नहीं बढ़ने देंगे।