नई दिल्ली। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सोमवार को दिल्ली की एक अदालत में कहा कि कथित संजीवनी घोटाले के संबंध में केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत के खिलाफ उनके आरोप में सच्चाई है और उन्हें मानहानि नहीं ठहराया जा सकता।
गहलोत की ओर से पेश अधिवक्ता ने अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट हरजीत सिंह जसपाल से कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता को 900 करोड़ रुपये के संजीवनी मल्टीस्टेट क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसायटी घोटाले की जांच कर रहे राजस्थान पुलिस के विशेष अभियान समूह (एसओजी) ने एक नोटिस दिया था और उन्होंने उस पर जवाब दिया था। उन्होंने दावा किया कि शेखावत ने नोटिस से जुड़ा तथ्य छुपाया।
गहलोत के अधिवक्ता ने अदालत को बताया राजस्थान एसओजी ने 2020 में एक प्राथमिकी दर्ज की थी। शिकायतकर्ता ने एसओजी के नोटिस पर जवाब दाखिल किया था…उसने अदालत से यह तथ्य छिपाया…मेरे मुवक्किल ने कभी नहीं कहा कि शिकायकर्ता को मामले में दोषी ठहराया गया है। उन्होंने कहा कि शिकायतकर्ता भी मामले में एक आरोपी है। अधिवक्ता ने कहा कि गहलोत के खिलाफ मानहानि का मामला नहीं बनता है। प्रथम दृष्टया, संलिप्तता प्रतीत होती है…अगर मैं सच बोल रहा हूं, तो यह मानहानि नहीं है।
अदालत मामले पर अगली सुनवाई 20 अक्टूबर को करेगी। कथित संजीवनी घोटाले से केंद्रीय मंत्री का नाम जोड़ने वाली कांग्रेस नेता की टिप्पणी पर शेखावत की शिकायत के बाद अदालत ने 7 अगस्त को गहलोत को तलब किया था। यह घोटाला संजीवनी क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी द्वारा हजारों निवेशकों को कथित तौर पर लगभग 900 करोड़ रुपये का चूना लगाने से संबंधित है।