जयपुर। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शनिवार को कहा कि उनकी सरकार ने चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा और शहरी रोजगार योजना जैसे कई बड़े फैसले किए हैं और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को बताना चाहिए कि इन्हें केंद्र सरकार अपने यहां कब लागू करेगी।
गहलोत ने दोहराया कि उनकी सरकार बिहार की तर्ज पर राजस्थान में भी जातिगत सर्वेक्षण करवाएगी और यह भी एक बड़ा फैसला है। मोदी ने सोमवार को चित्तौड़गढ़ में एक जनसभा में कहा था कि राज्य में सत्ता में आने पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) जनहित की किसी योजना को बंद नहीं करेगी और यह मोदी की गारंटी है। इस बारे में पूछे जाने पर गहलोत ने जयपुर में मीडिया से कहा इसका मतलब है कि उन्होंने मान लिया है कि हमारी योजनाएं शानदार हैं। वह चिंता नहीं करें, हमने योजनाएं अच्छे ढंग से लागू की हैं… वह तो यह बताएं कि केंद्र में 25 लाख रुपये के बीमा की घोषणा कब करेंगे? बताएं ओपीएस (पुरानी पेंशन योजना) लागू कब करेंगे? बताएं शहरी रोजगार योजना कब शुरू करेंगे? हमने बड़े-बड़े फैसले किए हैं, इन्हें फैसले केंद्र कब लागू करेगा? प्रधानमंत्री मोदी को यहां आकर बताना चाहिए। पहले लागू करें, फिर यहां आकर प्रचार करें। तब लोग आपकी बात पर विश्वास करेंगे।
राजस्थान में इस साल के आखिर में विधानसभा चुनाव होने हैं।
गहलोत ने दावा किया कि भाजपा नेताओं को कांग्रेस सरकार के फैसलों की आलोचना करने के लिए शब्द नहीं मिल रहे हैं, इसलिए वे कभी लाल डायरी, कभी पीली डायरी तो कभी काली डायरी की बात करते हैं। भाजपा के स्थानीय नेता अपने प्रधानमंत्री और केंद्रीय नेताओं को कोई मुद्दा तक नहीं बता पा रहे हैं। गहलोत ने दोहराया कि राज्य सरकार बिहार के मॉडल को अपनाते हुए राज्य में जातिगत सर्वेक्षेण करवाएगी और यह भी एक बड़ा फैसला है। जनगणना तो भारत सरकार ही करवा सकती है, यह केवल परिवारों का सर्वे हो रहा है, जिसमें उनकी आर्थिक स्थिति भी पता चल जाएगी। मैं समझता हूं कि बहुत बड़ा निर्णय हुआ है। हमारी पार्टी की प्रतिबद्धता है, हम इसे आगे बढ़ाएंगे। आगामी चुनाव में अन्य दलों से गठबंधन पर गहलोत ने कहा कि यह पार्टी का अंदरूनी मामला है।
गहलोत ने दावा किया हमारी सरकार ने क्रांतिकारी फैसले किए हैं। राजस्थान का हर गांव, हर घर को हमारी किसी न किसी योजना का फायदा मिला है। संजीवनी क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसायटी घोटाला मामले में गहलोत ने कहा कि केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत पीड़ितों की मदद के लिए आगे आएं, तो वह माफी मांग लेंगे। संजीवनी घोटाले में डेढ़ लाख लोग बर्बाद हो गए, इसलिए शेखावत को माफी तो मांगनी चाहिए। मैं तो एक बार नहीं, 25 बार माफी मांग सकता हूं, अगर शेखावत आगे आकर इन सबकी मदद करें, पैसे दिलवा दें… मैं उनसे माफी मांग लूंगा, अगर मैंने कुछ गलत कहा है तो। उन्होंने इस मामले में वही कहा था, जो उन्हें जांच एजेंसी ने रिकॉर्ड के हिसाब से बताया था।
गहलोत जोधपुर से सांसद शेखावत पर इस घोटाले में शामिल होने का आरोप बार-बार लगाते रहे हैं। शेखावत ने इन आरोपों को खारिज करते हुए गहलोत के खिलाफ दिल्ली की एक अदालत में मानहानि का मुकदमा दायर किया है।