जयपुर। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने गुरुवार को भाजपा पर तीखा हमला बोलते हुए आरोप लगाया कि लाल डायरी की साजिश भाजपा मुख्यालय में रची गई थी, लेकिन यह नाकाम हो गई। गहलोत ने कहा कि सरकार गिराने के लिए लाल डायरी से जुड़ी साजिश में अमित शाह, जेपी नड्डा, धर्मेन्द्र प्रधान, गजेन्द्र सिंह शेखावत और जफर इस्लाम शामिल थे। ये (भाजपा) चुनी हुई सरकार को गिरा रहे हैं, इन्हें सत्ता में रहने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है। महाराष्ट्र, कर्नाटक और मध्यप्रदेश में इन्होंने चुनी हुई सरकारों को गिराया। फिर चुनाव के मायने क्या रह गया?
उल्लेखनीय है कि गहलोत सरकार के तत्कालीन मंत्री राजेन्द्र गुढ़ा ने जुलाई में विधानसभा में महिलाओं के खिलाफ अपराध पर राज्य सरकार पर निशाना साधा था जिसके बाद उन्हें बर्खास्त कर दिया गया था। उन्होंने दावा किया था कि उनके पास एक लाल डायरी है जिसमें कथित तौर पर मुख्यमंत्री के अनियमित वित्तीय लेनदेन का विवरण है।
जोधपुर में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गुरुवार को जनता से सवालिया अंदाज में कहा लोग कहते हैं कि लाल डायरी में कांग्रेस के भ्रष्टाचार की हर काली करतूत है। लाल डायरी के काले राज खुलने चाहिए कि नहीं खुलने चाहिए? सब खुलकर बाहर आना चाहिए कि नहीं?
बर्खास्त मंत्री राजेंद्र गुढ़ा ने दावा किया था कि इसमें मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के वित्तीय लेनदेन का विवरण है।
गहलोत ने यह भी आरोप लगाया कि भाजपा नेता अमित शाह, धर्मेंद्र प्रधान, गजेंद्र सिंह शेखावत ने उनकी सरकार गिराने की साजिश रची थी।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत 2020 में तत्कालीन उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट और 18 अन्य कांग्रेस विधायकों के बगावत के कारण हुए राजनीतिक संकट का जिक्र कर रहे थे।
जयपुर के कॉमर्स कॉलेज में एक समारोह को संबोधित करते हुए, गहलोत ने जोधपुर में सांप्रदायिक दंगों के लिए कांग्रेस सरकार को निशाना बनाने के लिए प्रधानमंत्री पर भी निशाना साधा।
प्रधानमंत्री ने पिछले साल मई में जोधपुर में हुई सांप्रदायिक हिंसा का जिक्र करते हुए पूछा कि जब जोधपुर जल रहा था तो मुख्यमंत्री कहां थे। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए गहलोत ने कहा कि कहा मुझे अफसोस है कि आज प्रधानमंत्री ने जोधपुर में कहा कि जब लोग इस शहर में मर रहे थे तो मुख्यमंत्री कहां थे? पता नहीं इनको कौन जानकारी देता है? जोधपुर में एक भी व्यक्ति मरा नहीं था, करौली और जोधपुर में केवल सांप्रदायिक तनाव हुआ था।
कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने बृहस्पतिवार को मिशन 2030 मास्टर प्लान का दृष्टिकोण पत्र (विजन डॉक्यूमेंट) जारी किया और गिग श्रमिक को एकमुश्त 5000 रुपये की सहायता की भी घोषणा की। उन्होंने रोडवेज बसों में मासिक यात्रा पास पर महिलाओं और बालिकाओं को किराये में 90 प्रतिशत की छूट का ऐलान किया। गहलोत ने 12,700 करोड़ रुपये के कार्यों का शिलान्यास भी किया। उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र ने राज्य को दिये जाने वाले पैसे में कमी कर दी है। कार्यक्रम में गहलोत ने गिग श्रमिकों को राज्य सरकार से पंजीकरण कराने पर 5000 रुपये की एकमुश्त राशि देने की घोषणा की। उन्हें यह राशि हेलमेट, ड्रेस, जूते और गिग श्रमिकों की दैनिक उपयोग की अन्य वस्तुओं की खरीद के लिए दी जाएगी। गिग श्रमिकों में ओला, उबर, स्विगी, जोमैटो जैसी कंपनियों के साथ काम करने वाले कंपनी प्रतिनिधि, चालक आदि आते हैं। उन्होंने कहा सभी बालिकाओं और महिलाओं को रोडवेज का मंथली पास बनवाने पर बस के किराये में 90 फीसदी छूट दी जाएगी।