मुंबई। मुंबई में 10 दिवसीय गणेश उत्सव के समापन पर गुरुवार को विभिन्न गणेश मंडलों द्वारा ढोल-नगाड़ों और गणपति बप्पा मोरया के जयकारों के साथ विघ्नहर्ता की प्रतिमाओं के विसर्जन के लिए जुलूस निकाले जा रहे हैं।
भगवान गणेश की विभिन्न रूपों और आकारों की सुसज्जित प्रतिमाओं को प्रार्थना, अगले बरस फिर से आने के अनुरोध, संगीत और नृत्य के साथ विसर्जन के लिए पंडालों से बाहर निकाला गया। अपने प्रिय देवता की एक झलक पाने के लिए शहर के विभिन्न स्थानों पर भक्तों की भीड़ उमड़ पड़ी।
गणेश चतुर्थी के साथ 19 सितंबर को शुरू हुआ यह उत्सव गुरुवार को अनंत चतुर्दशी पर अरब सागर और यहां के अन्य जलाशयों में गणपति प्रतिमाओं के विसर्जन के साथ समाप्त होगा। इस उत्सव को भव्यता के साथ मनाने के लिए मशहूर मुंबई के लालबाग इलाके में तेजुकाया और गणेश गली मंडलों की विसर्जन यात्रा गणपति बप्पा मोरया पुढच्या वर्षी लवकर या (अगले साल जल्दी आना भगवान) के जयकारों के साथ शुरू हुई।
प्रसिद्ध लालबागचा राजा की प्रतिमा के विसर्जन का जुलूस आकर्षण का मुख्य केंद्र रहा। उत्सव के दौरान भगवान गणेश के दर्शन के लिए सबसे अधिक भीड़ यहीं देखी गई।
गणेश प्रतिमाओं पर पुष्पवृष्टि (फूलों की वर्षा) देखने के लिए लालबाग की श्रॉफ इमारत में भी काफी संख्या में श्रद्धालु जुटे रहे। दक्षिण मुंबई में गिरगांव की ओर जाने वाली मुख्य सड़क पर भी भीड़ उमड़ी। इसी मार्ग से सबसे ज्यादा विसर्जन जुलूस गुजरते हैं, जिनमें फोर्ट, गिरगांव, मझगांव, भायखला, दादर, माटुंगा, सायन, चेंबूर और अन्य क्षेत्रों की गणेश प्रतिमाएं विसर्जन के लिए ले जाई जाती हैं। बृहन्मुंबई महानगर पालिका के अनुसार, त्योहार के सातवें दिन तक 1,65,964 प्रतिमाएं कृत्रिम तालाबों और विभिन्न जलाशयों में विसर्जित की गई। इनमें घरों और सार्वजनिक स्थानों पर स्थापित की गई प्रतिमाएं और देवी गौरी की मूर्तियां शामिल हैं।