Mission Gaganyaan: इसरो ने गगनयान मिशन को लेकर तैयारी तेज कर दी हैं. ISRO ने रविवार को पहला एकीकृत एयर ड्रॉप पैराशूट(IADT-01) सफलतापूर्वक पूरा कर लिया है. इस टेस्ट में पैराशूट की मदद से अंतरिक्ष यान की गति कम करने की तकनीक का परीक्षण किया गया. इस टेस्ट में इसरो, भारतीय वायुसेना, DRDO, भारतीय नौसेना और भारतीय तटरक्षक बल ने भी मदद की. इस परीक्षण के माध्यम से सुनिश्चित किया गया कि स्पेस से लौटते समय अंतरिक्ष यात्रियों की सुरक्षित वापसी हो सके.
जानकारी के मुताबिक, इस क्रू मॉड्यूल को चिनूक हेलीकॉप्टर से 4 किलोमटर की ऊंचाई से गिराया गया. इस टेस्ट के जरिए यह जानने की कोशिश की गई कि क्रू मॉड्यूल को लाने वाले पैराशूट समय पर खुल रहे हैं या नहीं. इसके साथ ही यह भी देखा गया कि यह सुरक्षित लैंडिंग कर पाता है या नहीं. इसरो ने इस परीक्षण से जुड़ी तस्वीरें भी शेयर की है.
ISRO ने सोशल मीडिया पर तस्वीरें की शेयर
ISRO ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा-‘इसरो ने गगनयान मिशन के लिए पैराशूट बेस्ड डिक्लेरेशन सिस्टम के एंड टू एंड प्रदर्शन हेतु पहला इंटीग्रेटेड वायु ड्रॉप परीक्षण (IADT-01) सफलतापूर्वक पूरा किया। यह परीक्षण इसरो, भारतीय वायु सेना, DRDO, भारतीय नौसेना और भारतीय तटरक्षक बल का संयुक्त प्रयास है.
ISRO successfully accomplishes first Integrated Air Drop Test (IADT-01) for end to end demonstration of parachute based deceleration system for Gaganyaan missions. This test is a joint effort of ISRO, Indian Air Force, DRDO,Indian Navy and Indian Coast Guard pic.twitter.com/FGaAa1Ql6o
— ISRO (@isro) August 24, 2025
बता दें कि गगनयान देश का पहला मानव अंतरिक्ष उड़ान मिशन है जिसके तहत 4 अंतरिक्ष यात्रियों को अंतरिक्ष में भेजा जाएगा. यान को इसी साल 2025 में लॉन्च करने की योजना है. पहले मानव रहित परीक्षण उड़ान होगी, जिसमें एक व्योममित्र रोबोट को भेजा जाएगा. यह मिशन 3 दिवसीय है. इस मिशन के लिए 400 किमी की पृथ्वी की निचली कक्षा पर मानव को अंतरिक्ष में भेजा जाएगा और फिर सुरक्षित पृथ्वी पर वापसी कराई जाएगी.
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