नई दिल्ली। शुक्रवार को तृणमूल कांग्रेस के सांसद साकेत गोखले ने जी 20 शिखर सम्मेलन के आयोजन में होने वाले खर्च को लेकर सवाल उठाए. सांसद गोखले ने कहा कि 2017 में हैम्बर्ग में शिखर सम्मेलन के आयोजन में जर्मनी ने जितना खर्च किया था, उससे सात गुना अधिक खर्च भारत ने किया है. गोखले ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ (पूर्व में ट्विटर) पर किये पोस्ट में दावा किया, ‘‘मोदी सरकार ने केवल दिल्ली पर 44.9 करोड़ यूरो यानी 4100 करोड़ रुपये से अधिक खर्च किए हैं। यह खर्च उसी जी20 शिखर सम्मेलन में जर्मनी जैसे विकसित देश द्वारा किए गए खर्च से सात गुना अधिक है. 2024 के चुनावों के लिए मोदी के स्वयं के पीआर (जनसम्पर्क) के लिए, हमने 3500 करोड़ रुपये अतिरिक्त खर्च किया है जो चौंकाने वाला है।’’ गोखले ने कहा कि जर्मनी की प्रति व्यक्ति आय भारत से आठ गुना अधिक है. विदेश राज्य मंत्री मीनाक्षी लेखी ने सोमवार को ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में दिल्ली और केंद्र सरकार की एजेंसियों द्वारा किए गए खर्च की एक सूची साझा की, जो लगभग 4100 करोड़ रुपये है.
भारत का G20 पर 4200 करोड़ का खर्च
जी20 के आयोजन के लिए दिल्ली एनसीआर को दुल्हन की तरह सजाया गया है. राजधानी दिल्ली को जी 20 थीम पर सजाया गया हैं. जी20 की तैयारियों के लिए करीब 4200 करोड़ खर्च आया. सूत्रों ले मिली जानकारी के अनुसार जी20 शिखर सम्मेलन के लिए होने वाले खर्च को 12 श्रेणियों में बांटा गया है. जी20 की तैयारियों के सबसे अहम घटकों में से सुरक्षा थी. इसके अलावा सड़कों, फुटपाथों, स्ट्रीट साइनेज और लाइटिंग व्यवस्था के रखरखाव में भी किए गए खर्च भी शामिल हैं.