Sunday, December 22, 2024
Homeताजा खबरFuel Export: भारत बना ईंधन का सबसे बड़ा निर्यातक, भारत के रास्ते...

Fuel Export: भारत बना ईंधन का सबसे बड़ा निर्यातक, भारत के रास्ते यूरोप पहुंच रहा रूसी तेल, पढ़ें कैसे ?

नई दिल्ली, वर्ष 2024 की पहली तीन तिमाहियों में भारत से यूरोपीय संघ को डीजल जैसे ईंधन का निर्यात 58 प्रतिशत बढ़ गया. एक मासिक निगरानी रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई. ऐसे में माना जा रहा है कि इसमें रूस से आने वाले कच्चे तेल की बड़ी हिस्सेदारी है, जिसे परिष्कृत करके यूरोप भेजा जा रहा है.

दिसंबर 2022 में रूस पर लगा था प्रतिबंध

बता दें कि दिसंबर 2022 में यूरोपीय संघ और जी7 देशों ने रूस पर प्रतिबंध लगाते हुए उसके कच्चे तेल के आयात पर मूल्य सीमा और प्रतिबंध लगा दिया था. हालांकि, रूस के कच्चे तेल से बने परिष्कृत ईंधन पर नीति में स्पष्टता की कमी का मतलब था कि प्रतिबंध नहीं लगाने वाले देश बड़ी मात्रा में रूसी कच्चे तेल का आयात कर सकते हैं और उन्हें परिष्कृत उत्पादों में बदलकर प्रतिबंध लगाने वाले देशों को कानूनी रूप से निर्यात कर सकते हैं.

रूसी कच्चे तेल का भारत दूसरा सबसे बड़ा खरीदार

रूस के यूक्रेन पर आक्रमण के बाद भारत रूसी कच्चे तेल का दूसरा सबसे बड़ा खरीदार बन गया है. देश का रूस से आयात यूक्रेन युद्ध से पहले कुल आयातित तेल के 1 प्रतिशत से भी कम था और युद्ध के बाद खरीद बढ़कर लगभग 40 प्रतिशत हो गई है.

CREA ने ताजा रिपोर्ट में कही ये बात

ऊर्जा और स्वच्छ वायु पर शोध केंद्र (CREA) ने अपनी ताजा रिपोर्ट में कहा कि शोधन नियमों में खामियों का लाभ उठाते हुए, भारत अब यूरोपीय संघ को तेल उत्पादों का सबसे बड़ा निर्यातक बन गया है. रिपोर्ट के मुताबिक 2024 की पहली 3 तिमाहियों में जामनगर, वडिनार (गुजरात) और मैंगलोर रिफाइनरी से यूरोपीय संघ को निर्यात सालाना आधार पर 58 प्रतिशत बढ़ा.

रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड की जामनगर में तेल रिफाइनरियां हैं, जबकि रूस की रोसनेफ्ट समर्थित नायरा एनर्जी की वडिनार में एक इकाई है. मैंगलोर रिफाइनरी एंड पेट्रोकेमिकल्स लिमिटेड (एमआरपीएल) सरकारी स्वामित्व वाली ONGC की सहायक कंपनी है.

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -
Google search engine

Most Popular

Recent Comments