मुंबई, बैंक एवं वाहन शेयरों में कम मूल्य पर अधिक खरीदारी आने से घरेलू शेयर बाजार शुक्रवार को शुरुआती निचले स्तर से उबरकर बढ़त के साथ बंद हुए और 4 दिनों से जारी गिरावट का सिलसिला थम गया.
Sensex में गिरावट का दौर थमा
BSE का 30 शेयरों वाला सूचकांक Sensex 599.34 अंक यानी 0.83 प्रतिशत चढ़कर 73,088.33 पर बंद हुआ. हालांकि सेंसेक्स गिरावट के साथ खुला था और शुरुआती कारोबार में 672.53 अंक यानी 0.92 प्रतिशत तक लुढ़कते हुए 71,816.46 के निचले स्तर तक खिसक गया था.लेकिन बैंक शेयरों में खरीदारी आने से सेंसेक्स तेजी पकड़ने में सफल रहा.
निफ्टी 22,147 अंक पर बंद हुआ
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का सूचकांक Nifty भी 151.15 अंक यानी 0.69 प्रतिशत उछलकर 22,147 अंक पर बंद हुआ.शुरुआती कारोबार में यह 21,777.65 के निचले स्तर तक गिर गया था लेकिन बाद में बढ़त के साथ बंद हुआ.इसके साथ ही दोनों प्रमुख सूचकांकों में बीते 4 कारोबारी सत्रों से जारी गिरावट का सिलसिला थम गया.इन 4 दिनों में सेंसेक्स और निफ्टी दोनों में ही खासी गिरावट देखी गई.
इन कंपनियों के शेयर ने हासिल की बढ़त
सेंसेक्स के समूह में शामिल कंपनियों में बजाज फाइनेंस, महिंद्रा एंड महिंद्रा, एचडीएफसी बैंक, जेएसडब्ल्यू स्टील, मारुति, विप्रो, भारती एयरटेल, बजाज फिनसर्व, आईसीआईसीआई बैंक और आईटीसी प्रमुख रूप से बढ़त हासिल करने में सफल रहीं.
इन कंपनी के शेयरों में गिरावट
दूसरी तरफ नेस्ले इंडिया, एचसीएल टेक्नोलॉजीज, लार्सन एंड टुब्रो, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज, टाटा मोटर्स और इन्फोसिस के शेयरों में गिरावट दर्ज की गई.वित्त वर्ष 2024-25 के लिए कंपनी का राजस्व वृद्धि अनुमान बाजार की उम्मीदों के अनुरूप नहीं रहने से इन्फोसिस में लगभग एक प्रतिशत की गिरावट रही.
एशिया के अन्य बाजारों का यह रहा हाल
एशिया के अन्य बाजारों में दक्षिण कोरिया का कॉस्पी, जापान का निक्की, चीन का शंघाई कंपोजिट और हांगकांग का हैंगसेंग गिरावट में रहे.यूरोप के बाजार भी शुरूआती कारोबार में नुकसान में थे.अमेरिका के अधिकांश बाजार गुरुवार को गिरावट के साथ बंद हुए थे.
जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, ‘वैश्विक स्तर पर कमजोर रुख रहने के बावजूद ईरान के खिलाफ इजराइल की कार्रवाई के बाद तनाव बढ़ने की आशंका सीमित रहने से भारतीय बाजारों में उत्साह देखा गया. खासकर बड़ी कंपनियों के शेयरों में मजबूत सुधार आया. हालांकि, तेल की ऊंची कीमतों से मुद्रास्फीति का जोखिम बना हुआ है.’
अंतरराष्ट्रीय तेल मानक ब्रेंट क्रूड 0.55 प्रतिशत चढ़कर 87.62 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया.शेयर बाजार के आंकड़ों के मुताबिक, विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने गुरुवार को 4,260.33 करोड़ रुपये मूल्य के शेयरों की शुद्ध बिकवाली की.