Sabarimala Gold Theft : पतनमतिट्टा। एक अदालत ने शुक्रवार को सबरीमला मंदिर के पूर्व प्रशासनिक अधिकारी बी मुरारी बाबू को मंदिर से सोना गायब होने के मामले में न्यायिक हिरासत में भेज दिया। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। विशेष जांच दल (एसआईटी) ने दोपहर में त्रावणकोर देवस्वोम बोर्ड (टीडीबी) के अधिकारी को न्यायिक प्रथम श्रेणी मजिस्ट्रेट की अदालत में पेश किया। इससे पहले, अदालत ने पूछताछ के लिए अधिकारी को चार दिन की एसआईटी हिरासत में भेज दिया था। अदालत द्वारा यह पूछे जाने पर कि क्या उनकी कोई शिकायत है, बाबू ने कहा कि उन्हें कोई शिकायत नहीं है।
एक अधिकारी ने बताया कि बाद में उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। उन्हें तिरुवनंतपुरम विशेष जेल ले जाया जाएगा। इस बीच, एसआईटी ने तिरुवनंतपुरम स्थित अपराध शाखा कार्यालय में सबरीमाला के पूर्व कार्यकारी अधिकारी डी. सुधीश कुमार से पूछताछ की। सूत्रों ने बताया कि मामले में सह-आरोपी कुमार नोटिस जारी होने के बाद पेश हुए। उन पर यह तथ्य छिपाने का आरोप है कि द्वारपालक (संरक्षक देवता) की मूर्तियों और चौखटों पर सोने की परत चढ़ी हुई थी, और उन्होंने आधिकारिक दस्तावेजों में उन्हें तांबे की चादरों के रूप में दर्ज किया।
अधिकारियों ने कहा कि मामले में आरोपी अन्य टीडीबी अधिकारियों से आने वाले दिनों में पूछताछ की जाएगी। टीडीबी ने 1998-1999 में श्रीकोविल (गर्भगृह) में चढ़ाए गए सोने से संबंधित कई महत्वपूर्ण दस्तावेजों का पता लगाया है। दस्तावेजों में कराए गए कार्य और प्रक्रिया में इस्तेमाल किए गए सोने की मात्रा का विवरण दिया गया है। टीडीबी के एक अधिकारी ने कहा कि दस्तावेज एसआईटी को सौंप दिए गए हैं। केरल उच्च न्यायालय के निर्देशानुसार गठित एसआईटी सोने के गायब होने से जुड़े दो मामलों की जांच कर रही हैं। मुख्य आरोपी उन्नीकृष्णन पोत्ती को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है।



 
                                    
