Haryana Nuh Violence : हरियाणा के मेवात इलाके नूह में धार्मिक यात्रा को लेकर हिंसा हुई. राज्य के कुछ हिस्सों में हिंसा अभी भी जारी है मंगलवार देर रात हरियाणा के गुरुग्राम में भी असामाजिक तत्वों ने भारी भरकम हंगामा किया. इसको लेकर राज्य के हिंसाग्रस्त क्षेत्रों में धारा 144 लगा दी गई. हिंसा में 6 लोगो का जान गई है और 166 लोग घायल हुए है. पुलिस ने कार्रवाई करते हुए 116 लोगों को हिरासत में लिया. राज्य के सीएम मनोहर लाल खट्टर ने जानकारी देते हुए बताया कि इस हिंसा में जो भी लोग जिम्मेदार है उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.
इसी हिंसा को लेकर सोशल मीडिया पर कुछ तस्वीरे भड़काऊ पोस्ट के साथ वायरल हुई. पहली तस्वीर में आगजनी के बीच एक सैनिक तैनात खड़ा दिख रहा है, दूसरी तस्वीर में जलती हुई गाड़ी और पीछे खड़ी भीड़ है, तीसरी तस्वीर में पथराव के बीच खड़े सेना के जवान हैं, चौथी तस्वीर में सुरक्षा बल के 2 जवान एक शख्स को लाठियों से पीटते दिख रहे हैं. जब इन तस्वीरों को गहनता से जांच की गई तो इनकी सच्चाई कुछ और ही निकली.
पहली तस्वीर का जांच करते हुए पाया गया कि यह तस्वीर साल 2017 से ही इंटरनेट पर है, नूह में हुई हिंसा से 6 साल पहले की यह तस्वीर है. वायरल फोटो को गूगल लैंस पर सर्च करने के दौरान हमने पाया कि यह तस्वीर 26 अगस्त 2017 की मीडिया रिपोर्ट्स में मिली. साल 2017 में जब CBI की विशेष अदालत ने डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख गुरमीत राम रहीम को नाबालिगों से यौन शोषण के मामले में सजा सुनाई थी. तो इस फैसले के विरोध में डेरे के अनुयायियों ने विरोध प्रदर्शन किया. इस प्रदर्शन ने हिंसक रूप ले लिया था. जवाब में सुरक्षा बलों ने अनुयायियों पर फायरिंग कर दी थी. साल 2017 की मीडिया रिपोर्ट्स में ये इस तस्वीर को इसी कैप्शन के साथ प्रसारित किया गया था.
दूसरी तस्वीर में सुरक्षा बल के एक वाहन को आगजनी का शिकार होते हुए दिखाया गया. इस तस्वीर को भी नूंह हिंसा से जोड़कर दिखाया गया. इस तस्वीर को गूगल लैंस से सर्च करने पर पाया कि 2013 की मीडिया रिपोर्ट्स में इस तस्वीर को प्रसारित किया था. साल 2013 में ऑल इंडिया ट्रेड यूनियन कांग्रेस के 55 वर्षीय कोषाध्यक्ष नरिंदर सिंह को एक बस ने टक्कर मार दी थी, जिसे वह अंबाला में रोकने की कोशिश कर रहे थे. हादसे में नरिंदर सिंह की मौत हो गई थी. इसके बाद ट्रेड यूनियन के सदस्यों ने हाईवे को जाम कर दिया और पुलिस से भिड़ गए.
तीसरी तस्वीर में सुरक्षा बल और दंगाईयो के बीच पत्थरबाजी करते हुए दिखाया गया. खोजबीन करने के बाद पता चला कि न्यूज एजेंसी PTI की टाइम्स ऑफ इंडिया (TOI) में 25 दिसंबर 2019 को यह तस्वीर छपी थी इस तस्वीर के कैप्शन में फोटो को CAA विरोधी प्रदर्शन के दौरान कानपुर में प्रदर्शनकारियों और सुरक्षा बलों के बीच झड़प का बताया गया है.
फिलहाल नूह में हुई हिंसा में अब तक 6 लोगों की जान चली गई, इसके अलावा 166 लोग घायल भी हुए है. और जिन तस्वीरों को नूह हिंसा से जोड़कर वायरल किया जा रहा है वो बिल्कुल गलत है