Sunday, August 17, 2025
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Election Commission : ‘चुनाव आयोग के कंधों पर बंदूक रखकर हो रही राजनीति’, वोट चोरी के आरोपों पर EC बोला-‘ हमारे लिए कोई पक्ष या विपक्ष नहीं है, सभी बराबर’

Election Commission On SIR: राहुल गांधी के वोट चोरी आरोपों और बिहार में SIR विवाद पर चुनाव आयोग ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि आयोग किसी भी दल में भेदभाव नहीं करता। मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने स्पष्ट किया कि सभी दल चुनाव आयोग में पंजीकरण से अस्तित्व में आते हैं, इसलिए पक्षपात का सवाल ही नहीं। उन्होंने कहा कि "वोट चोरी" जैसे शब्दों का इस्तेमाल जनता को गुमराह करने का प्रयास है।

Election Commission On SIR: चुनाव आयोग ने राहुल गांधी के वोट चोरी के आरोपों और बिहार में SIR के मुद्दे पर प्रेस कॉन्फ्रेंस की, इस दौरान मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने कहा, “कानून के अनुसार, हर राजनीतिक दल का जन्म चुनाव आयोग में पंजीकरण से होता है, तो चुनाव आयोग उन राजनीतिक दलों के बीच भेदभाव कैसे कर सकता है. चुनाव आयोग के लिए, कोई पक्ष या विपक्ष नहीं है, सभी समकक्ष हैं. पिछले दो दशकों से, लगभग सभी राजनीतिक दल मतदाता सूची में त्रुटियों को सुधारने की मांग कर रहे हैं, इसके लिए चुनाव आयोग ने बिहार से एक विशेष गहन पुनरीक्षण की शुरुआत की है. SIR की प्रक्रिया में, सभी मतदाताओं, बूथ स्तर के अधिकारियों और सभी राजनीतिक दलों द्वारा नामित 1.6 लाख BLA ने मिलकर एक मसौदा सूची तैयार की है.’

वोट चोरी जैसे शब्दों का इस्तेमाल संविधान का अपमान नहीं तो और क्या है?

मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने कहा, “कानून के अनुसार अगर समय रहते मतदाता सूचियों में त्रुटियां साझा न की जाए, अगर मतदाता द्वारा अपने उम्मीदवार को चुनने के 45 दिनों के भीतर हाईकोर्ट में चुनाव याचिका दायर नहीं की जाए, और फिर वोट चोरी जैसे गलत शब्दों का इस्तेमाल करके जनता को गुमराह करने का असफल प्रयास किया जाए, तो यह भारत के संविधान का अपमान नहीं तो और क्या है?”

‘जमीनी हकीकत को नजरअंदाज करके भ्रम पैदा करने की कोशिश की जा रही’

ज्ञानेश कुमार ने कहा, “यह गंभीर चिंता का विषय है कि राजनीतिक दलों के जिला अध्यक्षों और उनके द्वारा नामित BLA के सत्यापित दस्तावेज और टेस्टेमोनियल या तो उनके अपने राज्य या राष्ट्रीय स्तर के नेताओं तक नहीं पहुंच रहे हैं या फिर जमीनी हकीकत को नजरअंदाज करके भ्रम पैदा करने की कोशिश की जा रही है. सभी हितधारक मिलकर काम करके बिहार के SIR को सफल बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं.’

‘चुनाव आयोग के कंधे पर बंदूक रखकर राजनीति’

मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा, “कुछ मतदाताओं ने डबल मतदान का आरोप लगाया. जब सबूत मांगा गया तो कोई जवाब नहीं दिया गया. ऐसे झूठे आरोपों से न तो चुनाव आयोग और न ही कोई मतदाता डरता है. जब चुनाव आयोग के कंधे पर बंदूक रखकर भारत के मतदाताओं को निशाना बनाकर राजनीति की जा रही है.”

उन्होंने कहा कि आज चुनाव आयोग सभी को यह स्पष्ट करना चाहता है कि चुनाव आयोग निडर होकर बिना किसी भेदभाव के गरीब, अमीर, बुजुर्ग, महिला, युवा सहित सभी वर्गों और सभी धर्मों के मतदाताओं के साथ चट्टान की तरह खड़ा था, खड़ा है और खड़ा रहेगा.

‘निराधार आरोप के पीछे क्या मकसद, देश के लोग समझते हैं’

उन्होंने कहा, “एक बार जब SDM द्वारा अंतिम सूची प्रकाशित हो जाती है, तो मसौदा सूची राजनीतिक दलों के साथ भी साझा की जाती है और अंतिम सूची भी राजनीतिक दलों के साथ साझा की जाती है, यह चुनाव आयोग की वेबसाइट पर भी उपलब्ध होती है. मतदान केंद्रवार सूची दी जाती है. प्रत्येक उम्मीदवार को एक पोलिंग एजेंट नामित करने का अधिकार है और यही सूची पोलिंग एजेंट के पास भी होती है. रिटर्निंग ऑफिसर द्वारा परिणाम घोषित करने के बाद भी, एक प्रावधान है कि आप 45 दिनों के भीतर हाईकोर्ट में चुनाव याचिका दायर कर सकते हैं और चुनाव को चुनौती दे सकते हैं. जब 45 दिन पूरे हो जाते हैं चाहे वह केरल हो, कर्नाटक हो, बिहार हो, और जब किसी भी पार्टी को 45 दिनों में कोई गलती नहीं मिली, तो आज इतने दिनों के बाद, इस तरह के निराधार आरोप लगाने के पीछे उनका मकसद क्या है, यह पूरे देश के लोग समझते हैं।”

भारत के नागरिक ही विधायक, सांसद का चुनाव कर सकते हैं: चुनाव आयोग

भारत के मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने कहा, “.मैं स्पष्ट करना चाहता हूं कि भारत के संविधान के अनुसार, केवल भारत के नागरिक ही विधायक, सांसद का चुनाव कर सकते हैं, किसी अन्य देश के नागरिकों को यह अधिकार नहीं है. अगर ऐसे लोगों ने गणना फॉर्म भरा है, तो SIR प्रक्रिया में उनकी पात्रता साबित करने के लिए कुछ दस्तावेज मांगे गए हैं, जिनकी 30 सितंबर तक पूरी जांच होगी और ऐसे केस में गहन जांच के दौरान ऐसे लोग पाए जाएंगे जो हमारे देश के नागरिक नहीं हैं और निश्चित तौर से उनका वोट नहीं बनेगा.”

पश्चिम बंगाल में SIR की तारीख पर कही ये बात

भारत के मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने कहा, “जहां तक पश्चिम बंगाल के SIR की तारीख का सवाल है तो हम तीनों कमिश्नर उचित समय देखकर निर्णय लेंगे, चाहे वह पश्चिम बंगाल में हो या देश के अन्य राज्यों में, आने वाले समय में इसकी तारीखों की घोषणा की जाएगी।”

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Premanshu Chaturvedi
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खबरों की दुनिया में हर लफ्ज़ को जिम्मेदारी और जुनून के साथ बुनने वाला। मेरा मानना है कि एक अच्छी खबर केवल सूचना नहीं देती, बल्कि समाज को सोचने, सवाल करने और बदलने की ताकत भी देती है। राजनीति से लेकर मानवता की कहानियों तक, हर विषय पर गहराई से शोध कर निष्पक्ष और सटीक रिपोर्टिंग करना ही मेरी पहचान है। लेखनी के जरिए सच्चाई को आवाज़ देना मेरा मिशन है।
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