फिरोजाबाद। मुख्य निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने शनिवार को कहा कि निर्वाचन आयोग विभिन्न राजनीतिक दलों के साथ संवाद करता रहता है और पिछले चार महीनों में 5,000 ऐसी बैठकें हुई हैं, जिनमें राजनीतिक दलों के नेताओं सहित 28,000 लोग शामिल हुए हैं। फिरोजाबाद में एक निजी कार्यक्रम में शामिल होने आए ज्ञानेश कुमार ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा, निर्वाचन आयोग विभिन्न राजनीतिक दलों के साथ संवाद करता रहता है।
पिछले चार महीनों में हर विधानसभा क्षेत्र में सर्वदलीय बैठकें आयोजित की गईं, हर जिले में सर्वदलीय बैठकें आयोजित की गईं और हर राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) के आवास पर भी सर्वदलीय बैठकें आयोजित की गईं। कुल मिलाकर 5000 ऐसी बैठकें हुईं, जिनमें राजनीतिक दलों के नेताओं सहित 28,000 लोग शामिल हुए।
उन्होंने कहा कि इतना ही नहीं, निर्वाचन आयोग खुद भी सभी राष्ट्रीय दलों और क्षेत्रीय दलों से मिल रहा है। बिहार की मतदाता सूची का जिक्र करते हुए, जहां विधानसभा चुनाव होने हैं, मुख्य निर्वाचन आयुक्त ने कहा कि बिहार में जो भी व्यक्ति एक जनवरी 2003 की मतदाता सूची में है, उसे संविधान के अनुच्छेद 326 के तहत प्राथमिक दृष्टिकोण से योग्य माना जाएगा। दूसरे शब्दों में, जिन लोगों के नाम उस सूची में हैं, उन्हें कोई कागज जमा करने की जरूरत नहीं है।
उन्होंने कहा कि आयोग जल्द ही 2003 की बिहार मतदाता सूची को अपनी वेबसाइट पर अपलोड करेगा, ताकि इसमें शामिल करीब 4.96 करोड़ मतदाताओं को मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण के लिए गणना प्रपत्र के साथ संलग्न किए जाने वाले संबंधित हिस्से को निकालने में सुविधा हो।
कुमार ने बताया कि जिन मतदाताओं के माता-पिता का नाम 2003 की मतदाता सूची में है, उन्हें केवल अपने जन्म स्थान/तिथि के बारे में दस्तावेज देने होंगे। बिहार में अभी 243 विधानसभा सीट पर 7.89 करोड़ से अधिक मतदाता हैं। राज्य में इस साल अक्टूबर-नवंबर में विधानसभा चुनाव प्रस्तावित हैं।