Anil Ambani Money Laundering : प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने रिलायंस ग्रुप के चेयरमैन अनिल अंबानी और उनकी कंपनियों से संबंधित धन शोधन(मनी लॉन्ड्रिंग) की जांच के तहत करोड़ों रुपये की संपत्तियां कुर्क की हैं. संघीय जांच एजेंसी ने पहले इस मामले में 7,500 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क की थी.
देश के विभिन्न भागों में स्थित संपत्तियों के लिए धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA) के तहत अनंतिम कुर्की का यह नया आदेश जारी किया गया है. सूत्रों ने बताया कि अनुमान है कि नवीनतम आदेश के तहत 1,400 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति कुर्क की गई है. ये प्रॉपर्टीज नवी मुंबई, चेन्नई, पुणे और भुवनेश्वर में अटैच की गई हैं. इससे पहले 3 नवंबर को ईडी ने दिल्ली से लेकर मुंबई तक कार्रवाई की थी. जिसमें 40 से ज्यादा संपत्तिया जब्त की गई थी. कुर्क की गई संपत्तियों का कुल मूल्य 3,084 करोड़ रुपये बताया गया था.
क्या है पूरा मामला ?
मामला रिलायंस होम फाइनेंस लिमिटेड (RHFL) और रिलायंस कमर्शियल फाइनेंस लिमिटेड (RCFL) द्वारा जुटाए गए सार्वजनिक धन की कथित हेराफेरी और धनशोधन से संबंधित है. यस बैंक ने 2017 से 2019 के दौरान आरएचएफएल में 2,965 करोड़ रुपये और आरसीएफएल में 2,045 करोड़ रुपये का निवेश किया. दिसंबर 2019 तक ये Non-Performing Investments में बदल गए, जिसमें आरएचएफएल पर 1,353.50 करोड़ रुपये और आरसीएफएल पर 1,984 करोड़ रुपये बकाया थे.
अंबानी के खिलाफ कार्रवाई कथित वित्तीय अनियमितताओं और रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर सहित समूह की कई कंपनियों द्वारा 17,000 करोड़ रुपये से अधिक के सामूहिक ऋण को निर्धारित मद के बजाय किसी और जगह खर्च करने से संबंधित है. ईडी ने इस मामले में अगस्त में उद्योगपति से पूछताछ की थी. यह पूछताछ 24 जुलाई को मुंबई में एजेंसी द्वारा 50 कंपनियों और उनके व्यावसायिक समूह के अधिकारियों समेत 25 लोगों के 35 परिसरों की तलाशी के बाद की गई थी. निदेशालय का यह धनशोधन मामला केंद्रीय अन्वेषण (CBI) ब्यूरो की एक प्राथमिकी से संबंधित है.




