West Bengal : कोलकाता। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शुक्रवार को यहां सात स्थानों पर तलाशी अभियान चलाया, जिसमें पश्चिम बंगाल के मंत्री सुजीत बोस से जुड़ी संपत्तियां भी शामिल हैं। यह कार्रवाई नगर पालिका में भर्ती में कथित अनियमितताओं की जांच के सिलसिले में की गई। एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि ईडी की टीम ने साल्ट लेक स्थित मंत्री के आवास-सह-कार्यालय, नगरबाजार इलाके में एक पार्षद के आवास और दक्षिण दमदम नगर पालिका के पूर्व अधिकारियों के आवासों पर छापेमारी की।
सुजीत बोस के घर समेत 10 ठिकानों पर ED की रेड
अधिकारी ने बताया कि उत्तरी कोलकाता के थंथानिया कालीबाड़ी इलाके में एक आवास पर तथा शहर के दक्षिणी हिस्से में न्यू अलीपुर में एक वकील के आवास पर भी छापेमारी की गई। ईडी के अधिकारी ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, आज की गई छापेमारी का उद्देश्य भ्रष्टाचार के आरोपों से जुड़े दस्तावेज एकत्र करना है। मंत्री का कार्यालय मूल रूप से हमारी सूची में नहीं था। उन्होंने बताया कि छापेमारी अभी भी जारी है। उन्होंने कहा, अब तक हमने मंत्री के कार्यालय से कई ओएमआर शीट जब्त की हैं। उन्होंने कहा कि ईडी अधिकारी साल्ट लेक क्षेत्र में एक रेस्तरां के प्रबंधक से भी बात कर रहे हैं, जिसके मालिक कथित तौर पर मंत्री हैं।

उन्होंने कहा, हमारी जांच में रेस्तरां का नाम सामने आया है। हम मालिक से बात कर रहे हैं और बैंक खातों की जांच कर रहे हैं, ताकि पता लगाया जा सके कि कोई संदिग्ध लेन-देन हुआ था या नहीं। बाद में पत्रकारों से बात करते हुए बोस ने केंद्रीय एजेंसी पर ‘‘चुनाव से पहले उन्हें राजनीतिक रूप से निशाना बनाने’’ का आरोप लगाया। बोस ने कहा, जब भी चुनाव नजदीक आते हैं, ये छापे मारे जाते हैं। ये कार्रवाई विपक्षी दलों के नेताओं के लिए होती है। यह कोई नयी बात नहीं है। उन्होंने पहले भी मेरी संपत्तियों पर छापे मारे हैं और मेरे खिलाफ कुछ भी आपत्तिजनक नहीं मिला है। यह चुनाव से पहले दबाव बनाने की एक रणनीति है।
मंत्री ने दावा किया कि उनकी ईमानदारी का प्रमाण पत्र अंततः जनता द्वारा दिया जायेगा, किसी एजेंसी द्वारा नहीं। उन्होंने कहा, जांच एजेंसी को अपना काम करने दीजिए। हम अपना काम करेंगे। वे भ्रष्टाचार की बात तो करते हैं, लेकिन जरूरी सबूत पेश नहीं करते। जनता सब जानती है। इससे पहले, जनवरी 2024 में, ईडी ने तृणमूल कांग्रेस के नेता के स्वामित्व वाले आवासों और एक कार्यालय समेत कुछ संपत्तियों की तलाशी ली थी और उसी मामले के संबंध में उनसे पूछताछ की थी। एजेंसी ने 14 घंटे की छापेमारी के बाद कुछ दस्तावेज और नेता का मोबाइल फोन जब्त कर लिया था, जिसके बाद बोस ने कहा कि अगर जांचकर्ता यह साबित कर दें कि उन्होंने ‘‘मंत्रिस्तरीय सेवाओं के बदले लोगों से एक रुपया भी स्वीकार किया है, तो वह तुरंत मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को अपना इस्तीफा भेज देंगे।’’