Tuesday, December 16, 2025
HomeNational Newsमसौदा मतदाता सूची के आंकड़ों ने भाजपा के 'एक करोड़ रोहिंग्या' के...

मसौदा मतदाता सूची के आंकड़ों ने भाजपा के ‘एक करोड़ रोहिंग्या’ के दावे को गलत साबित किया : तृणमूल कांग्रेस

कोलकाता। पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस ने कहा कि निर्वाचन आयोग के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के तहत मंगलवार को प्रकाशित राज्य की मसौदा मतदाता सूची ने भाजपा नेता शुभेंदु अधिकारी के इस दावे को पूरी तरह से गलत साबित कर दिया है कि राज्य में ‘‘एक करोड़ रोहिंग्या और बांग्लादेशी’’ रहते हैं, क्योंकि ‘‘फर्जी’’ मतदाताओं के तौर पर चिह्नित लोगों की संख्या 1,83,328 बताई गई है। राज्य में 2026 में विधानसभा चुनाव प्रस्तावित हैं। इससे पहले जारी किए गए मसौदा मतदाता सूचियों में मृत्यु और स्थानांतरण से लेकर गणना प्रपत्रों के जमा न कराने जाने जैसे विभिन्न कारणों से हटाए गए नामों का विवरण दिया गया है। हालांकि 58 लाख से अधिक नाम हटा दिए गए हैं, लेकिन चुनाव आयोग के वर्गीकरण से पता चलता है कि ‘फर्जी’ मतदाताओं की संख्या भाजपा नेता के बार-बार किए गए दावों से काफी कम है।

बीजेपी का ‘एक करोड़ रोहिंग्या’ का दावा गलत : तृणमूल

भाजपा नेता शुभेंदु अधिकारी ने इससे पहले आरोप लगाया था कि पश्चिम बंगाल में बड़ी संख्या में अवैध बांग्लादेशी और रोहिंग्या प्रवासी मौजूद हैं और उन्होंने अतीत में चुनावी परिणामों को प्रभावित किया है। उन्होंने चुनाव आयोग से ऐसे मतदाताओं के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई करने का आग्रह किया था। मतदाता सूची के प्रारूप में एक करोड़ अवैध मतदाताओं के दावे का कोई संख्यात्मक आधार नहीं दिखा है। अधिकारियों ने बताया कि 1.83 लाख ‘फर्जी’ मतदाताओं का आंकड़ा क्षेत्रीय सत्यापन के बाद एसआईआर प्रक्रिया के दौरान चिह्नित किए गए मामलों को दर्शाता है। तृणमूल ने इन्हीं आंकड़ों के आधार पर तीखा पलटवार किया और राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता पर ‘गलत सूचना’ फैलाने का आरोप लगाया।

तृणमूल के प्रवक्ता कृषानु मित्रा ने कहा, मसौदा मतदाता सूचियों में लगभग 58 लाख मतदाताओं के नाम हटा दिए गए हैं। बीएसएफ के आंकड़ों के अनुसार, लगभग 4,000 लोग हकीमपुर सीमा के रास्ते बांग्लादेश वापस चले गए हैं। हमें जो जानकारी मिल रही है, उसके अनुसार लगभग 80 प्रतिशत मुस्लिम बहुल निर्वाचन क्षेत्रों में नाम हटाने की औसत दर 0.6 प्रतिशत है, जबकि मतुआ बहुल क्षेत्रों में यह दर लगभग नौ प्रतिशत है। उन्होंने प्रश्न किया, राज्य में नाम हटाने की दर लगभग चार प्रतिशत है। यदि मौत के मामलों को हटा दिया जाए, तो शेष हटाए गए मतदाता कौन हैं? वे किन सीमाओं से राज्य छोड़कर गए?

पार्टी का कहना है कि पश्चिम बंगाल में कोई रोहिंग्या मतदाता नहीं हैं और उसने आरोप लगाया है कि चुनावों से पहले बड़े पैमाने पर घुसपैठ की कहानी राजनीतिक रूप से गढ़ी जा रही है। इसबीच भाजपा ने इन आरोपों को खारिज किया और पार्टी नेता शुभेंदु अधिकारी ने इन आरोपों का मजाक उड़ाते हुए कहा, ‘‘यह तो बस शुरुआत है। अभी नाश्ता शुरू हुआ है। दोपहर का भोजन, चाय और फिर रात का खाना बाकी है।’’ शुभेंदु अधिकारी ने हालांकि हटाए गए नामों की नई संख्या बताने से परहेज किया, लेकिन कहा कि वह 14 फरवरी को अंतिम सूची प्रकाशित होने के बाद इस बारे में कुछ कहेंगे।

Mukesh Kumar
Mukesh Kumarhttps://jagoindiajago.news/
समाचार लेखन की दुनिया में एक ऐसा नाम जो सटीकता, निष्पक्षता और रचनात्मकता का सुंदर संयोजन प्रस्तुत करता है। हर विषय को गहराई से समझकर उसे आसान और प्रभावशाली अंदाज़ में पाठकों तक पहुँचाना मेरी खासियत है। चाहे वो ब्रेकिंग न्यूज़ हो, सामाजिक मुद्दों पर विश्लेषण या मानवीय कहानियाँ – मेरा उद्देश्य हर खबर को इस तरह पेश करना है कि वह सिर्फ जानकारी न बने बल्कि सोच को भी झकझोर दे। पत्रकारिता के प्रति यह जुनून ही मेरी लेखनी की ताकत है।
RELATED ARTICLES
- Advertisment -
Google search engine

Most Popular