बीजेपी में लोकसभा उम्मीदवारों की पहली सूची के आने के बाद से ही नेताओं का राजनीति से दूरी बनाने का सिलसिला जारी है.पहले गौतम गंभीर,जयंत सिन्हा अब डॉ.हर्षवर्धन ने सक्रिय राजनीति से संन्यास का ऐलान कर दिया है.उन्होंने सोशल मीडिया के प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट कर इस बात की जानकारी साझा की .उन्होंने अपने संदेश में लिखा की 30 साल से अधिक के शानदार चुनावी करियर के बाद, जिस दौरान मैंने सभी 5 विधानसभा और दो संसदीय चुनाव लड़े, मैंने पार्टी संगठन और राज्य और केंद्र सरकारों में कई प्रतिष्ठित पदों पर काम किया है.
अपने शुरुआती दिनों को याद करते हुए उन्होंने पोस्ट में आगे लिखा,”जब मैंने गरीबों और जरूरतमंदों की मदद करने की इच्छा के साथ 50 साल पहले जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज, कानपुर में एमबीबीएस में दाखिला लिया तो मानव जाति की सेवा ही मेरा आदर्श वाक्य था.दिल से एक स्वयंसेवक, मैं हमेशा पंक्ति में अंतिम व्यक्ति की सेवा करने के प्रयास के दीन दयाल उपाध्याय जी के अंत्योदय दर्शन का प्रबल प्रशंसक रहा हूं.तत्कालीन RSS नेतृत्व के आग्रह पर मैं चुनावी मैदान में कूदा.”
कोविड महामारी के दौर को याद करते हुए लिखा, ”मैंने दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री के साथ-साथ दो बार केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री के रूप में कार्य किया, यह मेरे दिल के करीब का विषय है. मुझे पहली बार भारत को पोलियो मुक्त बनाने की दिशा में काम करने का मन हुआ.” और फिर उसके पहले और दूसरे चरण के दौरान खतरनाक कोविड-19 से जूझ रहे हमारे लाखों देशवासियों के स्वास्थ्य की देखभाल करने का दुर्लभ अवसर मिला.
उन्होंने आगे लिखा, ‘मैं अपनी पार्टी के सभी कार्यकर्ताओं,अपने प्रशंसकों और आम नागरिकों के समर्थकों के साथ-साथ अपनी पार्टी के नेताओं को भी धन्यवाद देना चाहता हूं.उन सभी ने तीन दशकों से अधिक की इस उल्लेखनीय यात्रा में योगदान दिया है.मुझे यह अवश्य स्वीकार करना चाहिए कि मैं भारत के इतिहास में सबसे गतिशील प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के साथ मिलकर काम करना एक बड़ा सौभाग्य मानता हूं.देश उनकी फिर से सत्ता में वीरतापूर्ण वापसी की कामना करता है.