Donald Trump: अमेरिका में एक संघीय न्यायाधीश ने ट्रंप प्रशासन को निर्देश दिया कि वह हार्वर्ड विश्वविद्यालय में शोध के लिए दिए जाने वाले अनुदान में 2.6 अरब डॉलर से ज्यादा की कटौती के अपने फैसले को वापस ले. जिला न्यायाधीश एलिसन बरोज ने बुधवार को फैसला सुनाया कि यह कटौती विश्वविद्यालय के प्रशासन और नीतियों में परिवर्तन की ट्रंप प्रशासन की मांग को हार्वर्ड की ओर से अस्वीकार किए जाने पर अवैध प्रतिशोध के तौर पर लागू की गई.
सरकार ने हार्वड के अनुदान में कटौती का कारण यहूदी-विरोधी भावना से निपटने में देरी को बताया था, लेकिन न्यायाधीश ने कहा कि विश्वविद्यालय के शोध का यहूदियों के विरुद्ध भेदभाव से कोई संबंध नहीं है.
जज ने फैसले में लिखी ये बात
बरोज ने फैसले में लिखा, ‘प्रशासनिक रिकॉर्ड की समीक्षा करके यह निष्कर्ष निकालना मुश्किल है कि सरकार ने देश के प्रमुख विश्वविद्यालयों को निशाना बनाने के लिए यहूदी-विरोधी भावना के इस्तेमाल के अलावा अन्य कोई कारण है. उन्होंने लिखा कि देश को यहूदी-विरोध से लड़ना होगा, लेकिन साथ ही उसे अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के अधिकार की भी रक्षा करनी होगी.
विश्वविद्यालय ने मुकदमा दायर कर लगाया था ये आरोप
मुकदमा दायर कर ट्रंप प्रशासन पर विश्वविद्यालय के विरुद्ध प्रतिशोधात्मक अभियान चलाने का आरोप लगाया गया था. हार्वर्ड ने कहा था कि प्रशासन ने ऐसा इसलिए किया क्योंकि विश्वविद्यालय ने संघीय यहूदी-विरोधी कार्यबल के 11 अप्रैल के पत्र में अनेक मांगों को अस्वीकार कर दिया था. पत्र में विश्वविद्यालय के अंदर विरोध प्रदर्शनों और शिक्षा व दाखिले से संबंधित व्यापक बदलावों की मांग की गई थी. इस पत्र का उद्देश्य सरकार के इन आरोपों से निपटना था कि विश्वविद्यालय उदारवाद का केंद्र बन गया है और परिसर में यहूदी-विरोधी उत्पीड़न को बर्दाश्त किया जा रहा है. ट्रंप प्रशासन की मांगों को अस्वीकार करने के बाद इस साल 14 अप्रैल को हार्वर्ड विश्वविद्यालय के संघीय अनुदान में कटौती कर दी गई थी.